मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले दिनों सीधी में हुए हादसे के प्रभावित परिवारों से मुलाकात करने गए और रात विश्राम गृह के कक्ष में बिताई. इस कमरे की साफ-सफाई गड़बड़ होने की वजह से मच्छर थे, इतना ही नहीं भवन पर बना पानी का टैंक भी ओवर फ्लो होता रहा. इसके लिए लोक निर्माण विभाग के सब इंजीनियर को जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित कर दिया गया है. ज्ञात हो कि बीते दिनों सीधी में यात्री बस बाणसागर बांध की नहर में गिर गई थी, इस हादसे में 52 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री चौहान पीड़ित परिवारों का ढांढस बंधाने उनके बीच पहुंचे थे. रात में उन्हें सीधी के विश्राम गृह में रुकना पड़ा. चौहान जिस कक्ष में रुके उसकी साफ-सफाई अच्छी नहीं थी और मच्छर थे. इसके अलावा पानी की टंकी से पानी बहता रहा.
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विश्रामगृह की अव्यवस्था की बात सामने आने पर रीवा के संभागायुक्त राजेश जैन ने लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री बाबूलाल गुप्ता को निलंबित कर दिया है. निलंबन आदेश में कहा गया है कि विश्रांतिगृह के आसपास सफाई का अभाव पाया गया और पानी का टैंक लगातार ओवर फ्लो होता रहा. विश्रांतिगृह के कक्ष का रखरखाव विषिष्ट अतिथि की गरिमा के अनुरुप नहीं था.
वहीं बता दें कि सीधी जिले में हुए हादसे के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी कार्रवाई की है और चार अफसरों को निलंबित कर दिया है. उन्होंने लोगों की जान बचाने वाले तीन लोगों को पांच-पांच लाख का पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया है. वहीं, कांग्रेस ने परिवहन मंत्री और लेाक निर्माण मंत्री को हटाने की मांग की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को सीधी में बस दुर्घटना के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली और दुर्घटना के कारणों की जानकारी लेते हुए राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा भी की. उन्होंने बस दुर्घटना के लिये मप्र रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के डीएम, एजीएम, मैनेजर और परिवहन अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्हें हमने खो दिया, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता, पर पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी. पीड़ित परिवारों को सात-सात लाख रुपये की सहायता दी गई है. दुर्घटना का सही कारण तो जांच के बाद पता चलेगा पर आम जनता से जो फीडबैक मिला उसके आधार पर छुहिया घाटी की सड़क खराब होना तथा बार-बार जाम लगने के कारण बस का मार्ग बदलना दुर्घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है. इसलिए मध्यप्रदेश रोड कार्पोरेशन के डीएम, एजीएम तथा मैनेजर को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं. क्षमता से अधिक सवारी होने तथा बस का निर्धारित मार्ग से दूसरे मार्ग पर जाने का दोषी मानते हुए जिला परिवहन अधिकारी को भी निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं.
Source : News Nation Bureau