मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना में बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. इसके बाद सरकार ने निजी अस्पतालों का 800 करोड़ रु का भुगतान भी रोक दिया है. सरकार ने तय किया है कि 11 अस्पताल अब नहीं आयुष्मान योजना में नहीं रहेंगे. आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों की पड़ताल करने के लिए सरकार ने विडाल कंपनी को नियुक्त किया था. उसे मरीजों को भर्ती कराने, क्लेम पास कराने और संबंधित बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल अधिकृत है या नहीं इसकी जांच करनी थी. सरकार ने कंपनी को थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर का भी काम दे रखा था। कंपनी को प्रति माह करोड़ों का भुगतान किया जाता है. इसके बाद भी कंपनी मरीजों और निजी अस्पतालों के साथ मिलकर सरकार को चूना लगाती रही.
सरकार का ऐक्शन
- आयुष्मान योजना में फ़र्जीवाड़ा करने वाले 28 निजी अस्पतालों के ख़िलाफ़ जांच पूरी
- रिपोर्ट के आधार पर 11 अस्पतालों की आयुष्मान संबद्धता ख़त्म की गई
- तीन अस्पतालों को आगामी तीन महीने के लिए योजना से बाहर किया गया
- सरकार ने निजी अस्पतालों का 800 करोड़ का भुगतान भी रोका गया
- जो भ्रष्टाचार करेगा वो जेल में होगा-सारंग
इस फ़र्ज़ीवाड़े को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि जहां भी घोटाला होगा, हमारी सरकार उस पर कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि जिसने भी आयुष्मान योजना में फ़र्ज़ीवाड़ा किया है वो जेल में होगा.
घोटालों में हमेशा की तरह इस बार भी MP नं. 1: कांग्रेस
इस फ़र्ज़ीवाड़े का गढ़ भोपाल नज़र आ रहा है. छापे में जिन 28 अस्पतालों में गम्भीर अनियमितताएं मिलीं, उसमें से 19 भोपाल के ही है. इसे लेकर कांग्रेस सरकार को घेर रही है. कांग्रेस का कहना है कि मध्य प्रदेश में हमेशा से ही हर योजना में भ्रष्टाचार होता आया है. मगर पीएम की महत्वाकांक्षी योजना में भी भ्रष्टाचार हो गया, जो बेहद शर्मनाक है.
HIGHLIGHTS
- आयुष्मान योजना में घोटाला
- सरकार ने की 28 अस्पतालों पर कार्रवाई
- कांग्रेस ने एमपी सरकार पर बोला हमला