मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार की मुश्किलें लगातार बढ़तीं ही जा रही है. अब मध्य प्रदेश सरकार के 6 मंत्रियों सहित 15 कांग्रेस विधायक बेंग्लुरु जा पहुंचे हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से सियासी संकट जारी है सरकार के कई विधायक सूबे में मौजूद नहीं हैं जिसकी वजह से कई बातों के कयास लगाए जा रहे हैं. बीते सप्ताह कांग्रेस को समर्थन दे रहे विधायक और पार्टी के विधायकों का गायब होने का सिलसिला तीन मार्च को शुरू हुआ था.
कांग्रेस के छह, बसपा के दो, सपा का एक और एक निर्दलीय विधायक अचानक दिल्ली चले गए, जो सीधे बीजेपी नेताओं के संपर्क में थे. इसके बाद कांग्रेस सक्रिय हुई और चार मार्च को छह विधायकों को वापस भोपाल लाया गया. इसके बाद 7 मार्च को एक निर्दलीय और 8 मार्च को कांग्रेस के भी एक और विधायक की घर वापसी हो गई. यह सभी विधायक किसी ना किसी मंत्री के साथ भोपाल पहुंचते ही सीएम हाउस में हाजिरी लगा रहे हैं, जहां सीएम कमलनाथ इन्हें तमाम शिकायतें और परेशानियों को दूर करने का आश्वासन दे रहे हैं.
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रविवार की शाम को बिसाही लाल साहू भी वापस सीएम हाउस पहुंचे थे
इसके पहले रविवार देर शाम छह दिन से बेंगलुरु में डेरा डाले विधायक बिसाही लाल साहू भी पर्यटन मंत्री सुरेंद्र बघेल के साथ सीएम हाउस पहुंचे. साहू ने कहा कि मैं तीर्थ यात्रा करने गया था और मैं कांग्रेस के साथ ही रहूंगा. वहीं दो विधायक हरपाल सिंह और रघुराज कंसाना के अभी बेंगलुरु में ही होने की खबर है. बताया जा रहा है कि बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद भदौरिया भी वहां उनके साथ हैं. जिसको देखते हुए ये माना जा रहा है कि कांग्रेस का खतरा पूरी तरह टला नहीं है.
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सियासी संकट के बीच सीएम कमलनाथ पहुंचे दिल्ली
मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच सीएम कमलनाथ रविवार देर शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे. यहां सीएम पार्टी आलाकमान से प्रदेश के हालातों के बारे में चर्चा करेंगे. वहीं बीमार चल रहे कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी सीएम कमलनाथ की मुलाकात हो सकती है. दूसरी तरफ बीजेपी का ऑपरेशन लोटस भी दिल्ली से ही चल रहा है, जहां पर पार्टी के बड़े नेता लगातार बैठकें कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के निवास पर बीजेपी का मंथन चल रहा है, जिसमें पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान, राकेश सिंह जैसे बड़े नेता कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ने की रणनीति बना रहे हैं.
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मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए आजमाए जा रहे हथकंडे
मंत्रीपद की होड़ में अब जिले के पुष्पराजगढ़ विधायक फुन्देलाल सिंह मार्को भी उतर आए हैं. फुन्देलाल ने मंत्री पद की मांग की है और लापता हुए अनूपपुर विधायक बिसाहुलाल सिंह को लेकर बगावती तेवर दिखाते हुए कहा कि मंत्रिपद के लिए बिसाहुलाल का तरीका सही नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अपनी सरकार को बदनाम करके मंत्री पद की मांग करना गलत तरीका है. पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदे लाल सिंह से अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बिसाहुलाल कोई दूध पीते बच्चे थोड़ी हैं जो लापता हो जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई मंत्री बनने के लिये इस प्रकार के दबाब बनाता है तो ठीक नहीं. प्रदेश के कई विधायक हैं जो फिर इस प्रकार का काम करेंगे.
राज्यसभा के लिए वोटिंग में होगा क्लियर
प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने दावा किया है कि रघुराज कंसाना और हरपाल सिंह हमारे संपर्क में हैं और जल्द वापस आएंगे. वहीं बीजेपी नेता और इस पूरे मामले में अहम भूमिका निभा रहे नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस के 20 विधायक उनके संपर्क में हैं. फिलहाल दोनों ही दल अपने-अपने विधायकों को पार्टी संगठन के साथ बता रहे हैं, लेकिन असलियत तो तभी सामने आ पाएगी जब राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान किया जाएगा. मौजूदा विधायकों की संख्या के आधार पर कांग्रेस को दो सीटें मिलने का अनुमान है और एक सीट बीजेपी के खाते में जाएगी. इन सीटों में उलटफेर तभी होगा जब विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे.