मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस की सरकार पिछली शिवराज सरकार की योजनाओं पर ब्रेक लगाने में लगी है. लेकिन अब पिछली सरकार की दीनदयाल रसोई योजना को बंद करने से कमलनाथ सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. भोपाल में बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में दीनदयाल रसोई योजना को बंद नहीं करने का फैसला लिया गया है.
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इसके अलावा कमलनाथ कैबिनेट ने सस्ता भोजन उपलब्ध कराने अक्षयपात्र फाउंडेशन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इसके खाने की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि 70 फीसदी स्थानीय लोगों को इस योजना के तहत रोजगार मिलेगा.
गौरतलब है कि इस योजना को बंद किए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि इस कांग्रेस सरकार से गरीबों का सुख नहीं देख जाता है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, 'इस सरकार की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है. हर एक अच्छी योजना पर कैंची चला रही है. दीनदयाल रसोई हमने गरीबों के लिए शुरू की थी, ताकि उन्हें सस्ता भोजन मिल जाए. इसे बंद करके कांग्रेस गरीबों के पेट पर लात मार रही है.'
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बता दें कि गरीबों को भरपेट भोजन कराने वाली दीनदयाल रसोई योजना बीते कुछ दिनों से बंद पड़ी है. इस योजना का मकसद शहर में रहने वाले मजदूर और गरीब तबके के लोगों को नाममात्र के शुल्क पर भोजन उपलब्ध कराना था. योजना के तहत मात्र 5 रुपये में गरीबों को भरपेट भोजन मिलता था. भोपाल के अलावा ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर जैसे अन्य शहरों में योजना चलाई जा रही थी, जो फिलहाल बंद है.
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