मध्य प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए शिवराज सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है. शिवराज सरकार अवैध शराब को लेकर कानून लाने जा रही है. आगामी मानसून सत्र में कानून का मसौदा पेश किया जाएगा. मध्य प्रदेश में जहरीली शराब पीने की वजह से कई लोगों की इस साल जान जा चुकी है. इसे लेकर शिवराज सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर भी है. कुछ दिन पहले एमी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार नकली और अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश में लागू कानून का अध्ययन कर रही है.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि शराब मफिया को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. मंदसौर, इंदौर में मामला सामने आते ही प्रशासन ने आरोपियों के अवैध ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. बता दें कि मंदसौर में जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गई. वहीं इंदौर में भी जहरीली शराब पीने से कुछ युवकों की मौत हो गई.
इसे भी पढ़ें: पेशे से प्रोड्यूसर, लेकिन लोगों से करता था ठगी, जानें क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा की मानसून सत्र 9 अगस्त से शुरू होने वाली है. इस सत्र में अवैध शराब पर सख्त कानून लाने पर शिवराज सरकार विचार कर रही है. यूपी की तर्ज पर यह कानून बनाया जाएगा.
वहीं मध्य प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद सियासत गर्म है. पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा से मामले पर इस्तीफे की मांग की. कुछ दिन पहले दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि अवैध शराब का धंधा पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण में चलाया जाता है और इनसे हर महीने करोड़ों की रिश्वत वसूली जाती है. क्या आबकारी मंत्री जी को अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहे अवैध शराब के धंधे की जानकारी नहीं थी? क्या यह संभव है? क्या मंत्री जी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए?
एक और ट्वीट में कांग्रेस नेता ने कहा था कि मध्य प्रदेश में अवैध शराब का धंधा बहुत बड़े पैमाने पर चल रहा है. जनवरी 2021 में नूराबाद थाना मुरैना में 26 लोगों की जान गई. अब स्वयं भाजपा सरकार के आबकारी मंत्री के मल्हारगढ़ निर्वाचन क्षेत्र पीपल्या मंडी थाना क्षेत्र जिला मंदसौर में 11 लोगों की मौत का समाचार है.
Source : News Nation Bureau