मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना (CoronaVirus Covid-19) संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. राज्य में इंदौर और भोपाल के बाद जबलपुर और ग्वालियर भी हॉट स्पॉट में बदलने लगे हैं. बीते लगभग एक सप्ताह से राज्य में हर रोज डेढ़ हजार से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं. यह अपने आप में कीर्तिमान है क्योंकि अब तक राज्य में सामने आने वाले मरीजों की संख्या एक दिन में एक हजार के आसपास ही हुआ करती थी.
और पढ़ें: अब एमपी के सरकारी स्कूलों में भी शुरू होगी LKG और UKG की कक्षाएं
वहीं भोपाल और इंदौर में तो 200 के आसपास ही हर रोज मरीज सामने आ रहे हैं. दूसरी ओर, जबलपुर और ग्वालियर में भी तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है.
ग्वालियर में बढ़ते संक्रमण की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य में सैंपल लिए गए लोगों में 6.9 फीसदी ही संक्रमित निकल रहे हैं तो ग्वालियर में यह आंकड़ा 16़.89 है. यहां बीते सात दिनों में डेढ़ सौ के आसपास मरीज सामने आए हैं और कई बार तो यह आंकड़ा दो सौ को भी पार कर गया है.
इतना ही नहीं ग्वालियर में रिकवरी रेट भी कम हो गया है. प्रदेश में यह आंकड़ा जहां 76 फीसदी के आसपास है तो ग्वालियर में 65 फीसदी ही रिकवरी रेट है.
बात जबलपुर की की जाए तो यहां भी कमोबेश ग्वालियर की ही तरह मरीज बढ़े हैं. यहां भी हर रोज 100 से ज्यादा नए मरीज सामने आ रहे हैं. संक्रमित मरीजों की संख्या में स्वस्थ हो रहे मरीजों की संख्या कम है. जबलपुर में अब तक 5329 मरीज मिले हैं जिनमें से 3940 मरीज स्वस्थ हुए हैं. वर्तमान में एक्टिव मरीजों की संख्या 1289 है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मानते हैं कि राज्य के जबलपुर और ग्वालियर में मरीजों की संख्या बढ़ी है, यह चुनौती है. इससे निपटने के लिए सरकार तैयार है. दोनों जिलों में अस्पताल चिन्हित किए जाने के साथ बिस्तर बढ़ाए जाएंगे. जरुरत पड़ी तो भोपाल से मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजा जाएगा.
ये भी पढ़ें: एमपी की मंत्री इमरती देवी बोलीं- हम मिट्टी और गोबर में पैदा हुए, कोरोना क्या बिगाड़ लेगा
राज्य में कुल मरीजों की संख्या 79 हजार 192 हो गई है. इंदौर, भोपाल, जबलपुर व ग्वालियर में मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. इंदौर में 15 हजार 452 मरीज हो गए हैं. वहीं भोपाल में 12 हजार 241 मरीज हैं. जबलपुर में 5329 मरीज और ग्वालियर में 6703 मरीज सामने आ चुके हैं. इस तरह इन चार जिलों की मरीजों की संख्या कुल मरीजों के मुकाबले आधे से अधिक हैं.