मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन का उदाहरण बन गया है. इसे अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों के अनुरूप डिजाइन और विकसित किया गया है. यही कारण है कि इसे एसोचैम ने पांच स्टार की जेम रेंटिंग दी है. हबीबगंज रेलवे स्टेशन का स्वरूप बदला गया है. रेलवे स्टेशन का डिजाइन और निर्माण ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुसार किया गया है, जिसमें प्राकृतिक प्रकाश का अधिकतम उपयोग, बेहतर वेंटिलेशन, रिसाइकिल करने योग्य सामग्री का उपयोग, रिसाइकल्ड पानी का उपयोग, सौर ऊर्जा का दोहन, वर्षा जल संचयन, पर्यावरण के अनुकूल निर्माण शामिल है. इसके लिए स्टेनेबल बिल्डिंग डिजाइन को अपनाया गया है और भवन के निर्माण और उपयोग के दौरान पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान के साथ जलवायु के प्रति जागरूक दृष्टिकोण भी अपनाया गया है.
स्टेनेबल बिल्डिंग डिजाइन पारंपरिक इमारतों की तुलना में ऊर्जा, पानी, प्राकृतिक संसाधनों, कम अपशिष्ट उत्पादन का सर्वोत्कृष्ट उपयोग सुनिश्चित करता है और स्वस्थ व आरामदायक जीवन के लिए जगह बनाता है.
एसोचैम के जेम सस्टेनेबिलिटी सर्टिफिकेशन रेटिंग प्रोग्राम का उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन और निर्माण को बढ़ावा देना है. इस पहल के माध्यम से एसोचैम आवास, शहरी विकास, आवासीय, वाणिज्यिक, होटल, कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, कारखाने की इमारतों और संबंधित विकास के लिए सस्टेनेबिलिटी सर्टिफिकेशन रेटिंग प्रदान करता है.
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भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.के. लोहिया ने कहा, "हबीबगंज रेलवे स्टेशन को इसके मूल में सस्टेनेबिलिटी के साथ पुनर्विकसित किया गया है. यह स्टेशन विश्वस्तरीय ग्रीन बिल्डिंग मानदंडों और बेस्ट-इन-क्लास निर्माण तकनीकों का उदाहरण है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों के अनुरूप डिजाइन और विकसित किया गया है."
देशभर के नए स्टेशन और अन्य भवनों का डिजाइन और निर्माण नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का पालन करते हुए किया गया है. हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर अपनाई गई प्रमुख ग्रीन इनिशिएटिव में सौर ऊर्जा का उपयोग, जल संरक्षण, पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग, पर्यावरण संबंधी मंजूरी, अग्नि सुरक्षा, कुशल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, निर्माण प्रबंधन, ऊर्जा दक्ष विद्युत उपकरणों का उपयोग, प्राकृतिक रोशनी का उपयोग, सब-वे में वेंटिलेशन, भोपाल मेट्रो रेल के साथ एकीकरण, अत्याधुनिक पार्किं ग सुविधाएं, फुटपाथ, बिजली के मीटर, यात्रियों की सुरक्षा और दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं आदि शामिल हैं.