मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बहुचर्चित हनीट्रैप केस (Honey trap matter) में एक बार फिर एसआईटी चीफ (SIT Chief) को बदल दिया गया है. अब राजेंद्र को एसआईटी प्रमुख बनाया गया है. डीजीपी पर सवाल उठाने वाले साइबर डीजीपी का भी तबादला कर दिया गया है. नई टीम में मिलिंद कंसकर और रुचि वर्धन को सदस्य बनाया गया है. बता दें कि हनी ट्रैप मामले की जांच करने की जिम्मेदारी संजीव शमी (sanjeev shami) को दी गई थी, लेकिन उन्हें एसआईटी प्रमुख के पद से हटा दिया गया है.
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आईपीएस अधिकारियों की बड़ी संख्या में तबादला किया है. हनी ट्रैप मामले में जांच के लि बनाई गई एसआईटी को तीसरी बार बदल दिया गया है. संजीव शर्मा को हटाकर अब राजेंद्र कुमार को इसका प्रमुख नियुक्त किया गया है. वहीं, वी मधुकर परिवहन आयुक्त बनाए गए हैं.
वहीं, इस मामले में स्थानीय अदालत ने मंगलवार को सभी पांचों महिला आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. कोर्ट ने पुलिस रिमांड बढ़ाने की मांग खारिज कर दी. इधर, महिला आरोपियों के वकीलों का कहना है पुलिस के पास कुछ नहीं है. पुलिस अंधेरे में तीर चला रही है. उनका कहना है कि पुलिस के पास कुछ भी नहीं है. पुलिस केवल हाथ-पैर मार रही है. पूरा मामला टांय-टांय फिस्स हो गया है। कोर्ट ने सभी पांच महिलाओं को जेल भेज दिया है.
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पुलिस हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) मनीष भट्ट के समक्ष पेश किया गया. अदालत ने पांचों आरोपियों को 14 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो