मध्यप्रदेश की सियासत में हलचल पैदा कर देने वाले हनीट्रैप मामले में सोमवार को बड़ा मोड़ आया, जब उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में 15 घंटे की सीडी सौंपकर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई. पुलिस ने इस मामले से जुड़ी खबरें लगातार प्रकाशित करने के आरोप में अखबार मालिक को फरार घोषित करते हुए 10 हजार रुपये के इनाम का ऐलान किया.
इंदौर के एक अखबार में हनीट्रैप मामले में लगातार एक के बाद एक खुलासे किए जा रहे थे. कई अधिकारियों, नेताओं और महिलाओं के अश्लील संवाद जारी किया गया था. इसके बाद शनिवार की रात को पुलिस ने एक मीडिया हाउस के कई ठिकानों पर दबिश दी थी. इस छापे के दौरान पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया और दस्तावेज आदि जब्त भी किए. मीडिया हाउस के नाइट क्लब से 67 महिलाओं और युवतियों को निकाला गया था.
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इस मामले को लेकर पुलिस कार्रवाई जारी रही. इसके बाद अमित सोनी और उसके मैनेजर प्रकाश राव को सोमवार को आधिकारिक रूप से गिरफ्तार कर आगामी छह दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर लिया है. वहीं अखबार मालिक जितेंद्र सोनी पर 10 हजार का इनाम घोषित किया गया.
खंडपीठ की युगल पीठ के न्यायाधीश एस.सी. शर्मा और शैलेंद्र शुक्ला की अदालत में इस मामले की सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की ओर से महाधिवक्ता शंशाक शेखर उपस्थित हुए और अब तक हुई जांच का ब्यौरा एक लिफाफे में अदालत को सौंपा. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनोहर दलाल ने एक सीडी सौंपते हुए इसे रिकार्ड में लेकर सीबीआई से मामले की जांच कराने की मांग की.
दूसरी ओर, हनीट्रैप मामले में निगम के सस्पेंड इंजीनियर हरभजन सिंह के वकील अविनाश सिरपुरकर ने आवेदन देकर अपनी सुरक्षा की मांग की. वहीं आरोपी युवती की तरफ से खड़े हुए वकील सुर्दशन जोशी ने अदालत से कहा कि इस मामले से संबधित खबर के प्रकाशन पर रोक लगाई जाए और समाचारपत्र को जिन अफसरों ने सीडी मुहैया कराई है, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए.
हनीट्रैप मामले का खुलासा अक्टूबर माह में इंदौर में ही हुआ था, जब एक महिला ने नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह से तीन करोड़ मांगे थे और रकम न देने पर बदनाम करने की धमकी दी थी. इस मामले में अब तक एक पुरुष और पांच युवतियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
Source : News Nation Bureau