मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे स्टेशन पर बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों को व्हीलचेयर की सुविधा दी गई है. इस सुविधा का लेकिन गलत तरीके से इस्तेमाल लगातार जारी है. बताया जा रहा है कि यात्री अपने साथ आए बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों के लिए स्टेशन से व्हीलचेयर ले गए, लेकिन कई इन्हें वापस करने ही नहीं आए. किसी ने स्टेशन के बाहर इन्हें छोड़ दिया तो कई ऐसे यात्री भी थे जो इन व्हीलचेयर को अपने साथ ट्रेन या कार में रखकर ले गए.
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छह माह में 12 से ज्यादा व्हीलचेयर ऐसे ही गायब हो गईं
जबलपुर रेलवे स्टेशन में पिछले छह माह में 12 से ज्यादा व्हीलचेयर ऐसे ही गायब हो गईं. परेशान स्टेशन प्रबंधन ने व्हीलचेयर ले जाने वालों को अपने साथ कुली लाना अनिवार्य कर दिया, ताकि कुली का बिल्ला रखकर व्हीलचेयर दी जा सके.
परिचय पत्र मांगा तो फर्जी दे दिया
इन हालात को देखते हुए रेलवे स्टेशन प्रबंधन ने व्हीलचेयर देने से पहले यात्रियों का परिचय पत्र जमा कराना अनिवार्य कर दिया, लेकिन यात्रियों ने इसका भी रास्ता निकाला. उन्होंने डिप्टी एसएस को कलर फोटो कापी परिचय पत्र दे दिया तो कुछ ने नकली आधार कार्ड रखकर व्हीलचेयर ले गए और फिर न तो व्हीलचेयर देने आए और न ही परिचय पत्र वापस लेने. स्टेशन पर कैमरे न होने की वजह से ऐसे लोगों की पहचान करना भी मुश्किल हो गया.
दाम के भरोसे व्हीलचेयर- व्हीलचेयर की सुविधा, स्टेशन पर दान-धर्म से चलती है. वर्तमान में 5 व्हीलचेयर और 2 स्ट्रेचर हैं, जिन्हें प्लेटफार्म 1 पर रखा जाता है. ऐसे में स्टेशन पर बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों की सुविधा के लिए रखी गई व्हीलचेयरों में से 12 गायव हो चुकी हैं. क्योंकि कई यात्री व्हीलचेयर लेने के बाद वापस करने नहीं आए.
Source : News State