महामारी कोरोना वायरस और ब्लैक फंगस के प्रकोप के बीच मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. डॉक्टरों की हड़ताल से राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. वहीं इस हड़ताल पर शिवराज सरकार सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है. राज्य सरकार ने हड़ताल जारी रखने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद मीणा ने बताया कि प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों से संबंध जूडा के तीन हजार सदस्य सोमवार से हड़ताल पर हैं . इसके तहत जूनियर डॉक्टर ओपीडी, आईपीडी और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के अन्य वार्डों में काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मंगलवार से जूनियर डॉक्टर कोविड-19 की ड्यूटी से भी हट गए हैं.
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उन्होंने बताया कि उनकी छह मांगे हैं. इनमें मानदेय में बढ़ोतरी, कोविड ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों व उनके परिजन के लिए अस्पताल में इलाज की अलग व्यवस्था और कोविड ड्यूटी को एक साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा मानकर बांड से मुक्त करना आदि शामिल हैं. आश्वासन देने के बाद भी उनके मानदेय में पिछले कुछ सालों से सरकार की तरफ से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.
अरविंद मीणा ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने वादा किया था कि हमारी मांगों को समय से पूरा किया जाएगा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. अब सरकार हमारी मांगों पर पहले एक लिखित आदेश जारी करें.
जूडा की मांगें
1. मानदेय में बढ़ोतरी कर इसे 55 हजार, 57 हजार, 59 हजार से बढ़ाकर 68200, 70680, और 73160 किया जाए.
2. मानदेय में हर साल 6 फीसद की बढ़ोतरी की जाए.
3. कोविड में काम करने वाले डॉक्टरों व उनके स्वजन के लिए अस्पताल में इलाज की अलग व्यवस्था हो.
4. कोविड ड्यूटी में काम करने वाले डॉक्टरों को सरकारी नियुक्ति में 10 फीसद अतिरिक्त अंक दिए जाएं.
5. कोरोना ड्यूटी को एक साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा मानकर बांड से मुक्त किया जाए.
HIGHLIGHTS
- राज्य सरकार ने हड़ताल जारी रखने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है
- प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों से संबंध जूडा के तीन हजार सदस्य सोमवार से हड़ताल पर हैं
- मंगलवार से जूनियर डॉक्टर कोविड-19 की ड्यूटी से भी हट गए हैं