करीब तीन महीने पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर एक बार फिर अफवाहें उड़ी हैं. नाराजगी के कारण उनके ट्विटर बायो से 'बीजेपी' शब्द हटाने की बात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. हालांकि, सच की पड़ताल में यह बात झूठी निकली है. खुद, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इसे अफवाह करार दिया. सिंधिया ने कहा, 'मेरे ट्विटर बायो में कोई चेंज ही नहीं हुआ है. मीडिया में चल रहीं खबरें बेबुनियाद हैं. अफवाहों पर लोग ध्यान न दें. बीजेपी में आने के समय बायो में जो चीजें थीं, वही अब भी हैं. बीजेपी में आने पर केवल ट्विटर पर फोटो चेंज हुई थी.'
Sadly, false news travels faster than the truth.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) June 6, 2020
उधर, सिंधिया के सहयोगियों का कहना है कि कुछ शरारती तत्व उनको लेकर पिछले कुछ समय से अफवाहें उड़ा रहे हैं. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. यह ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता से घबराने वाले लोग हैं.
ज्योतिरादित्य के ट्विटर हैंडल के परिचय में दो बातें लिखीं हुई हैं- पब्लिक सर्वेट और क्रिकेट इंथूसिएस्ट. प्रोफाइल पिक्चर में बीजेपी में शामिल होने के समय की तस्वीर लगी है, जिसमें वह गले में कमल निशान वाला गमछा लगाए मुस्कुरा रहे हैं. वहीं, कवर प्रोफाइल की तस्वीर में वह गाड़ी पर सवार होकर समर्थकों का अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं.
पड़ताल में सामने आया कि बीते 11 मार्च को बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर हैंडल पर सिर्फ तस्वीरें ही बदलीं. कांग्रेस में रहते समय उनकी प्रोफाइल और कवर पिक्चर में कांग्रेस के झंडे भी दिख रहे थे. ऐसे में बीजेपी से जुड़ने पर उन्होंने तस्वीरें बदली थीं. लेकिन उन्होंने कभी अपने बायो में 'बीजेपी' शब्द जोड़ा ही नहीं था. ऐसे में पार्टी का नाम हटाने का सवाल ही नहीं उठता. सिंधिया ने बायो में आखिरी बार परिवर्तन कांग्रेस छोड़ने के करीब एक महीने पहले किया था. उस समय उन्होंने बायो से 'कांग्रेस' शब्द हटा दिया था.
नाराजगी की बात भी गलत :
ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर टाइमलाइन को देखें तो वह लगातार बीजेपी से जुड़ी सूचनाएं रिट्वीट कर रहे हैं. पिछले दो-तीन दिनों में उन्होंने बीजेपी से जुड़ीं कई सूचनाओं को साझा किया है. चार जून को उन्होंने 'ऑफिस ऑफ शिवराज' हैंडल के ट्वीट को रिट्वीट किया है, जिसमें शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने से उपचुनावों में बीजेपी को फायदा होने की बात कही है.
वहीं, आज छह जून को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी की ओर से नियुक्त प्रभारियों को शुभकामनाएं भी दी हैं. इससे पता चलता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी से नाराज होने की बातें गलत हैं. अगर वह नाराज होते तो फिर बीजेपी से जुड़ी सूचनाओं को ट्वीट या रिट्वीट करने से भी बच सकते थे.
(IANS इनपुट के साथ)