मध्यप्रदेश के कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बंद कमरे में होने वाली मुलाकात तो नहीं हुई, सड़क पर बात जरूर हुई. इसके चलते सियासी कयासबाजी को पंख नहीं लगे. राज्य की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया को एक-दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है, यह बात अलग है कि दोनों एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने से बचते हैं. अगर कभी हमला किया भी गया तो इशारों में बात सीमित रही. वहीं दूसरी ओर, मुख्यमंत्री कमल नाथ और सिंधिया के बीच दूरियां बढ़ती नजर आई थीं.
राज्य में नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी होनी है, वहीं राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव भी हेाने वाले हैं. सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा दावेदार माना जा रहा है तो वहीं कार्यकाल खत्म होने के बाद सिंह दोबारा राज्यसभा में जाने की तैयारी में हैं. सिंधिया को भी राज्यसभा के सदस्य के दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है. इसको लेकर भी दोनों नेताओं के बीच अपरोक्ष रूप से तनातनी की खबरें सियासी गलियारों में आती रही हैं.
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इसी बीच, सिंधिया और सिंह के गुना आने और दोनों की बंद कमरे में बातचीत होने की चर्चाओं ने सियासी हवा दे दी थी. कयासबाजी थी कि देानों नेताओं के बीच होने वाली मुलाकात में प्रदेशाध्यक्ष और राज्यसभा को लेकर चर्चा हो सकती है. गुना में सिंधिया और सिंह की मुलाकात लगभग आठ साल बाद जो हो रही थी. गुना प्रवास को लेकर सिंह के कार्यक्रम में तो इस मुलाकात का जिक्र था, मगर सिंधिया के कार्यक्रम में इस मुलाकात का ब्यौरा नहीं था.
दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में तो मुलाकात नहीं हुई, भोपाल से गुना जाने वाले रास्ते में दोनों का आमना-सामना हो गया और दोनों ही नेताओं ने एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया. सिंधिया से जब सवाल किया गया कि आपकी सिंह से मुलाकात के क्या मायने हैं तो उनका जवाब था कि सिंह से उनकी हर माह मुलाकात होती रहती है. वहीं सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा, "मुलाकात नहीं होगी तो आप लोग मुलाकात न होने की बात कहेंगे."
सिंधिया और दिग्विजय सिंह की मुलाकात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चुटकी ली और कहा, "राजा और महाराज के दरबार लगते हैं, कांग्रेस की स्थिति सर्कस जैसी हो गई है, वहां अलग-अलग व्यक्ति कांग्रेस को अलग-अलग खींच रहा है."
राजनीतिक विश्लेशक शिव अनुराग पटेरिया का कहना है कि सिंधिया इन दिनों मुख्यमंत्री कमल नाथ से नाराज चल रहे हैं, इन स्थितियों में दिग्विजय सिंह कमल नाथ की ओर से सिंधिया को साधने की कोशिश कर रहे हैं, मगर अब स्थितियां उतनी आसान नहीं है जितनी नजर आ रही है. वर्तमान स्थितियां बताती हैं कि सिंधिया सजग हैं, सतर्क हैं इससे लगता है कि उन्हें अब अपने हक की लड़ाई को अंतिम निष्कर्ष तक ले जाना है.
सिंधिया और सिंह की बंद कमरे में होने वाली मुलाकात को सियासी तौर पर अहम माना जा रहा था, मगर यह मुलाकात नहीं हुई. लिहाजा, राज्य में आगामी दिनों में होने वाली सियासी कयासबाजी पर विराम जरूर लग गया है.
Source : IANS