मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र नकुलनाथ ने मंगलवार को क्रमश: छिंदवाड़ा विधानसभा और छिंदवाड़ा संसदीय सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया. मध्य प्रदेश की राजनीति में यह पहला उदाहरण है जब पिता और पुत्र एक ही जिले से एक ही दल से लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. कमलनाथ और नकुलनाथ ने मंगलवार को मंदिर में पूजा-अर्चना की और उसके बाद उन्होंने अपना-अपना नामांकन निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दाखिल किया. छिंदवाड़ा सहित राज्य के छह संसदीय क्षेत्रों में 29 अप्रैल को मतदान होने वाला है. इन क्षेत्रों में नामांकन भरने का मंगलवार अंतिम दिन है.
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नामांकन भरने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जनता को संबोधन किया. उन्होंने कहा कि 40 साल पहले मैंने पहला नामंकन भरा था. उस वक्त जो जिला उपेक्षित था. मैंने उसमें काम करके जिले को पहचान दिलाई. उस वक्त छिंदवाड़ा में हफ्ते में दो बार पानी आता था. लेकिन आज स्थिति कुछ और है. आपलोगों ने एक नौजवान पर भरोसा किया. मैंने जिले की तस्वीर को बदलने में पूरी कोशिश की. कोई मुझे आवेदन नहीं देता था, क्योंकि आवेदन लिखने वाला कोई नहीं था. मेरे ऊपर 2 हजार गांवों की जिम्मेदारी थी.
सोयाबीन बोने से लोग घबराते थे, लेकिन आज का बढ़ता उभरता हुआ छिंदवाड़ा आप सबके सामने है.
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ज्ञात हो कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद छिंदवाड़ा से निर्वाचित विधायक दीपक सक्सेना ने कमलनाथ के लिए विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. अब छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होने जा रहा है. कमलनाथ इससे पहले नौ बार छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हो चुके हैं. 17 दिसंबर 2018 को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उस तारीख से छह माह की अवधि के भीतर उन्हें विधायक निर्वाचित होना आवश्यक है.लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल को होने वाला है. जबकि मध्य प्रदेश के लिए यह पहला चरण है. इस दिन छह लोकसभा सीटों सीधी, शहडोल, जबलपुर, मण्डला, बालाघाट और छिंदवाड़ा में वोट डाले जाएंगे.
Source : News Nation Bureau