Advertisment

Pregnancy Tests: कन्यादान योजना के लिए गर्भावस्था परीक्षण पर रार, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत राज्य सरकार प्रति जोड़े 55,000 रुपये का अनुदान प्रदान करती है. 55,000 रुपये के अनुदान में से 49,000 रुपये योजना की पात्र महिलाओं को दिए जाते हैं, जबकि 6,000 रुपये सामूहिक विवाह समारोह आयोजन पर खर्च किए जाते हैं.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Pregnancy Test

शिवराज सरकार ने कांग्रेस पर लगाया राजनीति करने का आरोप.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सरकार की कन्यादान विवाह योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए महिलाओं की पात्रता की जांच करने के लिए किए जा रहे प्रेग्नेंसी टेस्ट (Pregnancy Test) पर विवाद छिड़ गया है. डिंडोरी जिले के गढ़सराय कस्बे में जिला प्रशासन ने 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (Mukhyamantri Kanyadan Yojana) के तहत 219 जोड़ों का विवाह कराया था. हालांकि इस सामूहिक विवाह समारोह (Mass Marriage) में परिणय सूत्र में बंधने पहुंची कुछ महिलाओं के नाम सूची में नहीं मिले. पता चला कि उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद उनका नाम नहीं इस सूची में शामिल नहीं किया गया.

कई महिलाओं ने प्रेग्नेंसी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर नाम हटाए जाने का लगाया आरोप
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत राज्य सरकार प्रति जोड़े 55,000 रुपये का अनुदान प्रदान करती है. 55,000 रुपये के अनुदान में से 49,000 रुपये योजना की पात्र महिलाओं को दिए जाते हैं, जबकि 6,000 रुपये सामूहिक विवाह समारोह आयोजित करने पर खर्च किए जाते हैं. अब इस योजना का लाभ हासिल करने के तौर-तरीकों पर कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बछड़गांव निवासी एक महिला ने कहा कि उसने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शादी करने के लिए फॉर्म भरा था. फार्म भरने के बाद उसका मेडिकल परीक्षण बजाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया. मेडिकल चेकअप के दौरान प्रेग्नेंसी टेस्ट भी किया गया. उन्होंने दावा किया कि टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद उनका नाम योजना के तहत होने वाली शादियों की सूची से हटा दिया गया था. बछड़गांव की एक अन्य महिला ने आरोप लगाया कि उसे मेडिकल टेस्ट के बारे में कुछ नहीं बताया गया. सूची में उनका नाम नहीं था. महिला ने बताया कि वह शादी के बंधन में बंधने के लिए पूरी तैयारी के साथ पहुंची थी, लेकिन शादी नहीं हो सकी.

यह भी पढ़ेंः Coronavirus: क्या कम होने लगा कोरोना का असर? 24 घंटे में 7,178 नए केस मिले

कांग्रेस विधायक ने गर्भावस्था परीक्षण को 'महिलाओं का अपमान' बताया
कांग्रेस विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओंकार मरकाम ने गर्भावस्था परीक्षण की आलोचना की और कहा कि यह महिलाओं का अपमान है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत गर्भावस्था परीक्षण कराने के लिए कोई नियम बनाया है तो उसे सार्वजनिक किया जाए.

इस तरह के परीक्षण करना सही नहीं है
ग्राम पंचायत मेदनी मरावी के सरपंच ने बताया कि उनके यहां से विवाह योजना में शामिल होने के लिए छह फॉर्म भेजे गए थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शादी के लिए महिलाओं का गर्भावस्था परीक्षण कराना सही नहीं है.

बीजेपी का कहना है कि उमर मरकाम राजनीति कर रहे हैं
डिंडोरी से भाजपा जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने ओंकार मरकाम पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि पूर्व में सामूहिक विवाह समारोहों में शामिल होने वाली कुछ महिलाएं गर्भवती पाई गई थीं इसलिए ये परीक्षण उचित है.

यह भी पढ़ेंः  WFI अध्यक्ष के खिलाफ शीर्ष पहलवानों ने फिर खोला मोर्चा, जंतर-मंतर पर बिताई रात

गर्भावस्था परीक्षण करने के लिए कहा
डिंडोरी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. रमेश मरावी ने कहा, 'हमें जो निर्देश मिले हैं (गर्भावस्था परीक्षण करने पर) केवल उनका पालन किया गया है.'

HIGHLIGHTS

  • मध्य प्रदेश सरकार देती है योजना के तहत 55 हजार रुपये
  • आरोप है कि लाभार्थियों के चयन के लिए हो रहा प्रेग्नेंसी टेस्ट
  • इस मसले पर उठे विवाद पर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने
BJP congress madhya-pradesh बीजेपी मध्य प्रदेश Shivraj Singh Chouhan कांग्रेस Pregnancy Test Mukhyamantri Kanyadan Yojna Sparred Mass Marriage गर्भावस्था परीक्षण मुख्यमंत्री कन्यादान योजना शिवराज सिंह चौहान सामूहिक विवाह
Advertisment
Advertisment
Advertisment