मध्य प्रदेश में खाद्य पदार्थों एवं दवाओं में मिलावट करने वालों को अब आजीवन कारावास की सजा होगी. इसके लिए मंत्रिमंडल ने दण्ड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास उनकी स्वीकृति के लिए भेज दिया है. मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की डिजिटल बैठक हुई. इसमें खाद्य पदार्थों एवं दवाओं में मिलावट को लेकर पूर्व में अनुमोदित दण्ड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक-2020 को दण्ड विधि अध्यादेश-2020 के रूप में प्रभावशील करने की मंजूरी दी गई.
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की इस बैठक में इस अध्यादेश के अलावा 11 अन्य अध्यादेशों को भी मंजूरी दी गई और इन सभी को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास उनकी स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मध्य प्रदेश के कानून एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट किया, 'खाद्य पदार्थ और दवाओं में मिलावट पर आजीवन कारावास की सजा के प्रावधान वाले अध्यादेश को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की अंतिम मंजूरी मिलते ही यह नया कानून भी प्रदेश में लागू हो जाएगा.'
इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां बयान जारी कर कहा, 'मिलावट एक भयानक अपराध है. खाद्य पदार्थों और दवाइयों में यहां तक कि कोरोना संक्रमण के इलाज में उपयोग होने वाले प्लाज्मा और कोरोना के टीके में भी मिलावट के समाचार मिले हैं. इससे बड़ा अपराध हो सकता है क्या?' उन्होंने कहा, 'यह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है. यह किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश में नहीं चलने दिया जाएगा.' चौहान ने कहा, 'इसके लिए मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश का अनुमोदन किया गया है. भारतीय दण्ड संहिता की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में संशोधन कर छह माह के कारावास और 1,000 रुपये तक के जुर्माने के स्थान पर आजीवन कारावास और जुर्माना प्रतिस्थापित किया गया है.'
उन्होंने कहा, 'मिलावट करने वाले को आजीवन कारावास होगा. इस अध्यादेश में मिलावट कर सामग्री बनाने वाले को दण्ड मिलेगा. व्यापारी को दण्ड नहीं मिलेगा. जहां वस्तु बनती है, दोषी उस कारखाने का मालिक होगा. उसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे. जिन्दगी भर जेल में चक्की पीसनी पड़ेगी.' उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश में नई धारा में 273 (क) को जोड़ा गया है, जिसमें एक्सपायरी डेट वाले खाद्य पदार्थ के विक्रय पर पांच साल का कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है. चौहान ने कहा मिलावट के खिलाफ जो जंग चल रही है, उसमें यह कानून बहुत बड़ा माध्यम बनेगा.
Source : News Nation Bureau