मध्य प्रदेश के मंदसौर में पिछले साल प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी में 6 किसानों की मौत की जांच को कांग्रेस सरकार ने दोबारा करवाने का फैसला किया है. बता दें कि इस साल जून में मध्य प्रदेश में पूर्ववत शिवराज सरकार ने जो जांच आयोग गठित की थी उसमें पुलिस को क्लीन चिट मिल गई थी. जेके जैन आयोग ने मंदसौर गोलीकांड पर कहा था कि प्रदर्शन के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने और आत्मरक्षा के लिए पुलिस का गोली चलाना आवश्यक और न्यायसंगत था.
मंगलवार को कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ लेने वाले कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि लोग मारे जाएं लेकिन कोई दोषी ही न हो.
पटवारी ने कहा, 'हमने सरकार बनाने से पहले कहा था कि जिन लोगों ने किसानों पर गोली चलाई थी उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि लोग को मारा गया लेकिन कोई दोषी ही न हो? मामले की दोबारा जांच करवाई जाएगी.'
इस गोलीकांड में जून 2017 में ही मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेके जैन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था जो 1 साल के बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी.
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस के पास गोली चलाने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं था. गौरतलब है कि 6 जून 2017 को राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और सीआरपीएफ की गोली से 6 किसानों की मौत हो गई थी.
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कमलनाथ कैबिनेट में मंगलवार को 28 मंत्रियों ने राजभवन में शपथ ली. मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है. 28 मंत्रियों में 9 सवर्ण, 8 ओबीसी, 4 एससी, 3 आदिवासी और अन्य समुदायों को भी जगह मिली है. इसमें 15 विधायकों को पहली बार मंत्री बनाया गया है. सरकार में 15 साल बाद मुस्लिम समुदाय के आरिफ अकील को प्रतिनिधित्व दिया गया है.
Source : News Nation Bureau