मध्य प्रदेश के दतिया ग्राम रेव निवासी रंजीत सिंह तोमर जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सर्च ऑपरेशन के दौरान 6 जुलाई 2018 को शहीद हो गए थे. उसके पिता और भाई दतिया जिला कलक्टर के जनता दरबार में बेटे की शहादत के बाद शासन की ओर से मिलने वाली उन घोषणाओं की फ़रियाद करने ग्रामीणों के साथ खड़े हैं. जो शहीद परिवार को मिलती हैं. रंजीत सिंह तोमर को शहीद हुए एक साल होने को है लेकिन शासन की ओर से सिवाय "तसल्ली ' के कुछ भी नहीं मिला.
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दतिया कलक्टर आर. पी. एस. जादोन के जनता दरबार में अपनी फ़रियाद लेकर खड़े हैं. अपनी बारी आने का इंतजार आमलोगों की तरह है वो भी कर रहे हैं. जिला कलक्टर को आवेदन देकर उन सरकारी घोषणाओं के मिल जाने की फ़रियाद करने आए हैं. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित उनके मंत्रिमंडल के आधा दर्जन मंत्री उनके घह पहुंचकर ढांढस बंधाया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने कई सिपहसलारों के साथ आंसू गिराए थे. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद रंजीत सिंह को पूरे मध्यप्रदेश का बेटा कहा था.
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शहीद परिवार को हर वह सुविधाएं शासन की ओर से दिए जाने का भी वादा किया था. जो शहीद परिवार को मिलती है. लेकिन विडंबना ये है कि अभी तक कुछ नहीं मिला. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि ग्राम रेव में शहीद स्मारक बनेगा. शहीद परिवार से एक लोग को सरकारी नौकरी और रहने के लिए आवास मिलेगा. लेकिन आज शहीद का भाई और पिता अब न्याय की कटघरे में खड़े हैं और सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.
Source : News Nation Bureau