नए रेल बजट में शिवपुरी, इटावा, भोपाल, खजुराहो और इलाहाबाद के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. खजुराहो से कुरुक्षेत्र के बीच 27 अप्रैल से ट्रेन चलाने की घोषणा हाल में हो चुकी है. जबकि गतिमान एक्सप्रेस को महोबा होकर खजुराहो तक चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास खजुराहो के सांसद बीडी शर्मा ने भेजा है. इस ट्रेन का स्टॉपेज बढ़ाने पर रेलवे बोर्ड विचार कर रहा है, क्योंकि दिल्ली से खजुराहो बड़ी संख्या में पर्यटक जाते हैं. हालांकि गतिमान की स्पीड झांसी-महोबा सेक्शन मे 100 किमी प्रतिघंटा तक ही रहेगी.
वहीं इलाहाबाद से मथुरा के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली वीरांगना एक्सप्रेस को नियमित किया जा सकता है. अभी यह ट्रेन विशेष ट्रेन के तौर पर 31 मार्च तक चलाई जानी है. यात्रियों का रिस्पांस अच्छा मिला है इसलिए यह ट्रेन नियमित हो सकती है, क्योंकि मथुरा से इलाहाबाद के लिए अभी कोई सीधी ट्रेन नहीं है.
भिंड-इटावा ट्रैक पर 4 साल में सिर्फ 3 ट्रेनें चलीं, 11 घंटे ट्रैक सूना
भिंड-इटावा ट्रैक पर इटावा तक 4 साल में केवल 3 ट्रेनें ही चलाईं जा सकी हैं. इस रूट पर 3 नई ट्रेनों का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास अटका हुआ है. इस रूट पर शाम 7:15 बजे से लेकर सुबह 6 बजे के बीच कोई ट्रेन नहीं है. इस तरह 11 घंटे इस ट्रैक पर सन्नाटा रहता है. दोपहर में भी 5 घंटे कोई ट्रेन इस ट्रैक से नहीं गुजरती. रेलवे बोर्ड के पास ग्वालियर से इटावा, कानपुर व लखनऊ तक ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव अटका हुआ है. अभी दूरी बढ़ाकर आगरा रूट से ट्रेनें इटावा और कानपुर के लिए चलाई जा रही हैं. ओखा एक्सप्रेस आगरा होते हुए इटावा से कानपुर, लखनऊ व गोरखपुर पहुंचती है.
शिवपुरी, इटावा और भोपाल ट्रैक पर चलेंगी ये ट्रेनें :
शिवपुरी के लिए सुबह 8:30 बजे से शाम 7:30 के बीच यानी 11 घंटे कोई ट्रेन नहीं है. इस कारण ग्वालियर से आगरा के बीच चलने वाली शटल का स्टॉपेज शिवपुरी तक बढ़ाया जाएगा. इस प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. नए बजट में इसकी घोषणा हो सकती है. दरअसल, आगरा से ग्वालियर आने वाली शटल सुबह 10:30 के ग्वालियर आने के बाद ग्वालियर में खड़ी रहती है और शाम 6 बजे आगरा के लिए रवाना होती है. इसलिए यह ट्रेन शिवपुरी तक की 110 किमी की दूरी तय कर शाम को ग्वालियर लौट सकेगी.
गुना-शिवपुरी ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन से चलेंगी ट्रेनें:
शिवपुरी और गुना ट्रैक को इलेक्ट्रिक किया जा रहा है. 6 माह के भीतर यह काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलेंगी. अभी इस रूट पर ग्वालियर-बीना पैसेंजर, ग्वालियर-गुना-भोपाल इंटरसिटी, ग्वालियर-इंदौर-रतलाम एक्सप्रेस, कोटा-इटावा एक्सप्रेस, नियमित ट्रेनें हैं. जबकि सप्ताह में दो दिन उज्जयिनी, देहरादून एक्सप्रेस, झांसी- ग्वालियर बांद्रा टर्मिनस जैसी ट्रेनें हैं.
ग्वालियर-भोपाल के बीच चलेगी इंटरसिटी:
ग्वालियर से भोपाल के लिए करीब छह सवा घंटे कोई ट्रेन नहीं है. तड़के 3:43 बजे दक्षिण एक्सप्रेस आती है. इसके बाद सुबह 10:30 बजे पंजाब मेल है. इससे पहले शताब्दी एक्सप्रेस सुबह 9:15 बजे है, लेकिन इसका किराया अधिक होने से आर्थिक रूप से कमजोर यात्री सफर नहीं करते. सांसद शेजवलकर ने ग्वालियर से भोपाल के बीच सुबह इंटरसिटी चलाने की मांग की थी. ये ट्रेन शाम को भोपाल से चलेगी और रात में ग्वालियर आएगी. इसके लिए बोर्ड ने मंजूरी भी दे दी है.
Source : News State