बीते मंगलवार को मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में हुई हिंसा के बाद हालात अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मंदसौर के डोराना गांव में कई दिनों के बाद भी दहशत का माहौल है और लोग अपने-अपने घर जाने से भी डर रहे हैं. लिहाजा, गांव के कई घर खाली हो गए हैं. डोराना गांव में मौजूद घरों की खिड़कियों के टूटे हुए शीशे और टूटे हुए दरवाजे हिंसा को लेकर चीख-चीखकर गवाही दे रहे हैं.
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मंदसौर का डोराना गांव सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मालवा-नीमच क्षेत्र के तीन गांवों में से एक है, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की महत्वपूर्ण उपस्थिति है. यहां करीब 500 घर हैं, जहां 82 मुस्लिम परिवार रहते हैं. बीते मंगलवार को मंदसौर में आयोजित हुई विश्व हिंदू परिषद की रैली के दौरान डोराना गांव में पुलिस की मौजूदगी में हालात बिगड़ गए थे.
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विश्व हिंदू परिषद की रैली में करीब 5000 की संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया था. बता दें कि विश्व हिंदू परिषद की ये रैली अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दान के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी. लेकिन, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से गुजरने के दौरान रैली में हिंसा हो गई थी. आरोप हैं कि रैली में मौजूद शरारती तत्वों ने गांव के घरों में तोड़फोड़ कर दी थी.
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राम मंदिर निर्माण से जुड़े मध्य प्रदेश में बीते दिनों निकाली गई कई रैलियों के दौरान हिंसा देखने को मिली है. मंदसौर से पहले उज्जैन और इंदौर में भी रैलियों के दौरान हिंसक झड़प हुई थी. जिनमें कई लोग घायल हुए थे.
Source : News Nation Bureau