मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में किसी भी कक्षा में जनरल प्रमोशन नहीं दिया जाएगा. सीबीएससी से संबद्ध अशासकीय विद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ मंत्रालय में मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान आर्थिक कठिनाइयों के दृष्टिगत माध्यमिक शिक्षा मण्डल से संबद्ध अशासकीय विद्यालयों को मान्यता के लिये आवेदन के समय मान्यता शुल्क जमा करने की बाध्यता नहीं रहेगी. वे आगामी सत्र 2020-21 के अंत तक उक्त शुल्क जमा कर सकेंगे.
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चर्चा के दौरान अशासकीय विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने मंत्री परमार से कोविड-19 वायरस के संक्रमण के चलते उत्पन्न परिस्थितियों में विद्यालयों के संचालन में आने वाली समस्याओं से अवगत कराया.
उन्होंने बताया कि कक्षा एक से बारहवीं तक के बच्चों की ट्यूशन फीस पालकों द्वारा जमा नहीं कराई जा रही है, जिससे शिक्षकों के वेतन और स्कूल के संचालन में समस्या आ रही है. इसके साथ ही प्रतिनिधियों ने इस वर्ष का शैक्षणिक सत्र 15 मई 2021 तक बढ़ाने, कक्षा छठवीं और आठवीं को जनवरी 2021 तथा कक्षा पहली से पांचवी तक की कक्षाएं 15 जनवरी 2021 से संचालित करने का सुझाव दिया.
उन्होंने मंत्री परमार से आग्रह किया कि अप्रैल 2020 से अनलॉक पीरियड तक का इलेक्ट्रिसिटी बिल, स्कूल बस टैक्स, आरटीओ परमिट और प्रॉपर्टी टैक्स को माफ कर दिया जाए.
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मंत्री परमार ने स्पष्ट किया कि कक्षा नवमीं से 12वीं तक की कक्षाओं के संचालन के बारे में शीघ्र ही विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे. कक्षा छठवीं से आठवीं तक की कक्षाओं के बारे में निर्णय कोरोना वायरस संक्रमण की परिस्थितियों अनुरूप लिया जाएगा. किसी भी कक्षा में जनरल प्रमोशन नहीं दिया जाएगा. इस वर्ष का शैक्षणिक सत्र बढ़ाने के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्री से आग्रह किया जाएगा. उन्होंने प्रतिनिधियों से बच्चों के शैक्षणिक भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में सहयोग करने की अपील की.
Source : IANS