देश की आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से यह खबर चिंतित करने वाली है. छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के लगभग 100 नक्सली अपने आधार का विस्तार करने के लिए पिछले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश में घुस आए हैं. इन नक्सलियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की छह कंपनियों की तैनाती की मांग की है. मध्य प्रदेश के एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी है. अधिकारी ने कहा कि इन सुरक्षा बलों को जल्द ही मध्यप्रदेश के बालाघाट और आदिवासी बहुल मंडला जिलों में तैनात किए जाने की संभावना है, जहां ये नक्सली घुसे हैं.
अधिकारी ने कहा, 'हमारे सूत्रों द्वारा हमें दी गई जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के करीब 100 नक्सली पिछले कुछ महीनों में मध्यप्रदेश में घुस आये हैं, ताकि इस क्षेत्र में वे अपना आधार बढ़ा सकें.' उन्होंने बताया कि ये नक्सली बालाघाट जिले में महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ की सीमाओं से घुसे हैं. बालाघाट एवं मंडला जिले एक दूसरे से सटे हुए हैं और इनकी लंबी सीमा है. बालाघाट और मंडला जिले में नक्सलियों के छह समूह सक्रिय हैं. इनमें से मंडला में खटिया मोचा दलम पिछले साल आया था. इस खतरे को देखते हुए नक्सलियों से लोहा लेने के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित मध्यप्रदेश पुलिस की हॉक फोर्स पहले से ही बालाघाट में तैनात है. इसके अलावा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक बटालियन भी वहां तैनात है.
नक्सलियों की घुसपैठ से सतर्कएमपी पुलिस ने भी अपनी मुहिम तेज कर दी है. संभवतः इसी का नतीजा है कि नवंबर और दिसंबर 2020 में बालाघाट जिले में तीन महिला माओवादी पुलिस के साथ तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में मारी गईं. इनमें से दो छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं, जबकि एक महाराष्ट्र की थी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से बालाघाट में घुसे एक नक्सली को पिछले साल सितंबर में पुलिस ने पकड़ा भी था. पुलिस ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से रहने वाली नक्सली शारदा (25) पर पुलिस ने कुल आठ लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. इसमें से मध्यप्रदेश ने तीन लाख रुपए और छत्तीसगढ़ पुलिस ने पांच लाख रुपए का इनाम रखा था. उसे पिछले साल छह नवंबर को मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था.
Source : News Nation Bureau