आए दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से स्वास्थय सुविधाओं की कमी की ख़बरें आती रहती है। ताज़ा मामला मध्यप्रदेश के टिकमगढ़ का है, जहां एम्बुलेंस के अभाव में परिवार वालों ने एक गर्भवती महिला को बाढ़ ग्रस्त सड़कों के बीच से खाट पर बिठाकर अस्पताल तक पहुंचाया।
परिवार वालों का कहना है कि उन्होंने एम्बुलेंस सर्विस के लिए 108 नंबर पर कॉल किया था लेकिन काफी देर तक इंतज़ार करने के बाद जब एम्बुलेंस नहीं आई तो उन्हें खाट पर बिठाकर कंधे पर ढोते हुए अस्पताल तक ले जाना पड़ा।
परिवार वालों का कहना है कि गर्भवती महिला को उस समय तेज लेबर पेन शुरू हो गया था। जिसकी वजह से तेज़ बारिश और बाढ़ के बीच उन्हें घर से बाहर निकलना पड़ा।
परिवार वालों की बहुत कोशिशों के बावजूद बाढ़ और वॉटर लॉगिंग की वजह से एम्बुलेंस घर तक नहीं पहुंच पाई।
हालांकि पृथ्वीपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर रवि रावत से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे इस घटना की जानकारी नहीं थी। मैं संबंधित अधिकारियों से बात करने के बाद ही आपको कुछ बता पाऊंगा।'
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गौरतलब है कि बीते कुछ समय से तत्काल स्वास्थय सुविधाओं की कमी की वजह लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी घटनाओं से प्रशासन के दावों की पोल खुल जाती है।
दो हफ्ते पहले, टीकमगढ़ जिले में ही एक व्यक्ति को अपनी मां का शव पोस्ट मॉर्टम के लिए मोटरसाइकिल पर ले जाने के लिए मजबूर होने पड़ा था।
मृत महिला का नाम कुंवर बाई था। जिनकी मौत सांप के काटने की वजह हुई थी। मोहनगढ़ के एक जिला अस्पताल में महिला के पोस्टमॉर्टम के लिए घरवालों ने सूचित किया। लेकिन अस्पताल वालों ने बॉडी ले जाने के लिए वैन भेजने से इंकार कर दिया।
हालांकि, कुंवर बाई के परिवार वाले उनका शव मोटरसाइकिल पर रख कर अस्पताल ले गये ताकि उनका पोस्टमॉर्टम हो सके। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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Source : News Nation Bureau