मध्य प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए चल रहे प्रयासों के क्रम में जननी एक्सप्रेस और संजीवनी एक्सप्रेस योजना के खराब वाहनों को बदलने की कवायद शुरू हो गई है. इसी के तहत जननी एक्सप्रेस योजना में शामिल 45 एंबुलेंस की जगह नए वाहनों को शामिल किया जा रहा है. भोपाल के लाल परेड मैदान में मंगलवार को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जननी एक्सप्रेस की 45 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आम आदमी की बुनियादी सुविधाओं में निरंतर वृद्धि हो, जिससे वे एक सुरक्षित और सम्मानित जीवन जी सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी प्राथमिकता है कि प्रदेश में नागरिकों को हर सुविधा मिले. एक ऐसा वातावरण प्रदेश में बने, जिसमें हर वर्ग खुश रहे और हमारा प्रदेश खुशहाल बने." कमलनाथ ने आगे कहा कि आमजन को बेहतर सुविधाएं मिल सके, इसके लिए जननी एंबुलेंस को बदला जाना है.
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उन्होंने कहा कि नए एंबुलेंस वाहनों के शुरू होने से दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को सुचारु रूप से त्वरित सुविधा उपलब्ध हो सकेगी और उन्हें समय पर इलाज मिल सकेगा.
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में प्रदेश के 51 जिलों में 737 संजीवनी व 108 जननी एंबुलेंस वाहन संचालित हैं. इनमें से दो लाख 50 हजार कि. मी. चल चुके अथवा पांच वर्ष से अधिक पुराने वाहनों में से 50 वाहनों को नए वाहनों में बदलने की योजना है. जननी एक्सप्रेस योजना में अप्रैल 2019 से सितंबर 2019 तक कुल दो लाख 94 हजार 595 गर्भवती महिलाओं तथा 39 हजार 299 बीमार शिशुओं को घर से अस्पताल तक पहुंचाया गया. इसी प्रकार कुल दो लाख 64 हजार 513 महिलाओं को प्रसव उपरांत तथा 28 हजार 24 बीमार शिशुओं को अस्पताल से घर तक पहुंचाया गया. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट और जनसंपर्क मंत्री पी. सी. शर्मा सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे.
Source : IANS