मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के स्कूल प्रिंसिपल को रिश्वत लेने के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई है. विशेष न्यायाधीश ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए संकुल प्राचार्य राम किशोर साहू को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत यह सजा सुनाई है. जानकारी के मुताबिक आवेदक घसीराम अहिरवार प्रधान अध्यापक माध्यमिक शाला नंदनवारा ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज करवाई थी.
शिकायतकर्ता के मुताबिक मेडिकल अवकाश स्वीकृति करने के लिए आवेदन संकुल प्राचार्य रामकिशोर साहू को दिया था. इसके बाद रामकिशोर ने मेडिकल अवकाश निराकरण के लिए अपने लिए दो हजार रूपए और पांच हजार रूपए सहायक शिक्षक रामनरेश के लिए मांग की थी.
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लोकायुक्त का ट्रेप दल फरयादी के साथ आरोपी द्वारा बताए गए स्थान अस्पताल चौराहा पहुंचा. जहां फरियादी घासीराम ने 6 हजार रूपए आरेपी को दिए और वैसे ही इशारा बताकर ट्रेप दल ने आरोपी को घेर लिया. रिश्वत की राशि जब्त करके आरोपी के हाथ धुलवाए गए. जिस पर आरोपी रंगे हाथों पकड़ा गया और आरोपी के विरूद्ध भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था.
आरोपी आर के साहू के विरूद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7, 13(1)डी एवं 13(2) के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर लिया. उक्त मामले में विचारण उपरांत माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी रामकिशोर साहू को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत 4 वर्ष के कारावास एवं 3000 रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 13 के अंतर्गत 5 वर्ष के कारावास एवं 3000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया.
Source : News Nation Bureau