मध्य प्रदेश STF (Madhya Pradesh Special Task Force) के हाथों बड़ी सफलता लगी है. एमपी एसटीएफ ने रेलवे, एफसीआई सहित दूसरे विभागों में सरकारी नौकरी दिलाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. STF ने इस मामले में गिरोह के सरगना सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार (arrest) किया है. इनके पास से जाली नियुक्ति आदेश, ट्रेनिंग (training) आदेश के साथ कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं. STF की गिरफ़्त में आए गिरोह के सदस्य बेरोजगारों से नौकरी दिलाने को लेकर पैसे ऐंठा करते थे. हालांकि पुलिस की इंवेस्टिगेशन में ये साफ हुआ है कि अभी तक इस गैंग ने करीब 30 बेरोजगारों को जटा है. STF आरोपियों से पूछताछ कर रही है. इस गैंग के सरकारी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के कनेक्शन की जांच भी की जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरोह के सदस्य बेरोजगार व्यक्ति से दो से तीन लाख रुपए वसूलने के बाद 15 दिन के अंदर उन्हें रेलवे, एफसीआई समेत दूसरे सरकारी विभाग के फर्जी नियुक्ति आदेश जारी करते थे.
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इसके बाद पूरी प्लानिंग के तहत आरोपी झांसे में आए लोगों को ट्रेनिंग के दिलाने के लिए रतलाम, नागदा समेत अन्य रेलवे स्टेशन भी भेजा जाता था. यहां पर गिरोह के कुछ सदस्य रेलवे अधिकारी बनकर ट्रेनिंग देते थे. ट्रेनिंग के बाद रेलवे अस्पताल में व्यक्ति का मेडिकल कराया जाता था. इसी तरह एफसीआई में नौकरी के फर्जी नियुक्ति आदेश जारी कई लोगों को हरियाणा के टोहाना और झारखंड के प्रतापपुर चतरा में ट्रेनिंग और मेडिकल कराया. दो महीने बाद पदस्थापना स्थल बताने के बहाने लोगों को वापस उनके घर भेज दिया जाता था.
STF एडीजी अशोक अवस्थी से मिली जानकारी के अनुसार ये गिरोह भोपाल और उसके आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय था. आरोपी कुछ लोगों को रेलवे, एफसीआई और अन्य शासकीय विभागों में नौकरी का लालच देकर पैसे ठगते थे और फिर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र और फर्जी प्रशिक्षण दिलाते थे. STF को सूचना मिली तो वो ठगी के शिकार राधेश्याम लोहवंशी तक पहुंची.फिर राधेश्याम की शिकायत पर ठग गैंग पर एफआईआर दर्ज की गई.
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बताया जा रहा है कि कई लोगों ने तो बदनामी के डर से ही इसके खिलाफ शिकायत नहीं की है. अब गिरोह के सरगना से पूछताछ की जा रही है और आगे कई खुलासे होने की संभावना है. एसटीएफ को जानकारी मिली है कि यह गिरोह करीब एक साल से मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी के नाम पर लोगों को ठग रहा था.
STF एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि गिरोह का सरगना विक्रम बाथम 2011 से रतलाम में रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों को बास्केटबॉल की ट्रेनिंग देता था.उसी दौरान उसकी रेलवे के कई अधिकारियों और कर्मचारियों से पहचान हो गई थी. STF को शक हे कि आरोपी विक्रम बाथम के साथ रेलवे के साथ दूसरे सरकारी विभागों के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- मध्य प्रदेश STF (Madhya Pradesh Special Task Force) के हाथों बड़ी सफलता लगी है.
- एफसीआई सहित दूसरे विभागों में सरकारी नौकरी दिलाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है.
- STF ने इस मामले में गिरोह के सरगना सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार (arrest) किया है.
Source : News Nation Bureau