उत्तम स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करने वाली शिवराज सरकार के राज में एक बीमार युवक को नगर पालिका के कर्मचारी कचरा फेंकने वाली ठेली में लादकर ले गए. वह भी अस्पताल नहीं बल्कि उसे उसके घर छोड़ आए. मानवता को शर्मसार करने वाली यह खबर मध्य प्रदेश के आगर मालवा से है.
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आगर मालवा जिले के नलखेड़ा में हाथ से चलने वाली कचरा गाड़ी में एक बीमार युवक को उसके घर ले जाने का मामला सामने आया है । नलखेड़ा निवासी एक गरीब बुजुर्ग महिला का इकलौता बेटा मानसिक रूप से बीमार है. वह भारत माता स्कूल के सामने सड़क सुबह से पड़ा था. सुबह से ही उसे खून की उल्टी हो रही थी. राह से आते जाते लोगों की नजर भी उस पर पड़ी, लेकिन किसी की भी संवेदना नहीं जगी. जब मां को पता चला तो वह भागी-भागी बेटे के पास पहुंची.
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बेटे की हालत देख मां को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. किसी पुलिस को फोन किया. मौके पर पहुंचे दरोगा ने नगर पालिका के कर्मचारी से संपर्क किया. नगर पालिका वाले भी औरों से एक कदम आगे निकले. उस बीमार युवक को लाने के लिए कचरा वाली ठेली भेज दी. पालिका के कर्मचारी उसे कचरे वाली गाड़ी में डालकर अस्पताल के बजाय उसके घर पर फेंक आए. इस मामले में अभी तक कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं और युवक की हालत गंभीर है.
Source : JAVED KHAN