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एमपी में अनलॉक होते ही टूटने लगे नियम, कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर लगाया ये आरोप

मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना कर्फ्यू लगाया गया था, संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ते ही अनलॉक किए जाने की प्रक्रिया शुरु की गई, इसके साथ ही कोरोना के नियमों के टूटने का सिलसिला शुरु भी हो गया है.

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Vineeta Mandal
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Madhya Pradesh Unlock ( Photo Credit : सांकेतिक चित्र)

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मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना कर्फ्यू लगाया गया था, संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ते ही अनलॉक किए जाने की प्रक्रिया शुरु की गई, इसके साथ ही कोरोना के नियमों के टूटने का सिलसिला शुरु भी हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कोरोना के नियमों का पालन कराने में दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते पहले रात का कर्फ्यू लगाया गया था, हालात बिगड़े तो पूरे राज्य में कोरोना कर्फ्यू लगाना पड़ा था. धीरे धीरे हालात सुधरे और प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर पॉजिटिविटी दर पांच प्रतिशत से नीचे आ गई. उसके बाद अनलॉक प्रक्रिया शुरु की गई. एक जून से स्थितियों को सामान्य बनाने के लिए दिन का कोरोना कफ्र्य पूरी तरह हटा लिया गया और रात का कर्फ्यू अब भी जारी है.

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कोरोना कर्फ्यू हटते ही आम जिंदगी सामान्य हो रही है तो कई जगह कोरोना के नियमों के तोड़ने की तस्वीरें भी सामने आईं. राज्य के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का मंगलवार को विदिशा जिले के सिरोंज में अंतिम संस्कार हुआ तो उसमें नियमों की धज्जियां उड़ती साफ नजर आईं. सैकेड़ों की तादाद में लोग शामिल हुए, सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मास्क तक का लोगों ने उपयोग नहीं किया. राज्य सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 10 लोगों की संख्या तय की है. यहां कोई पालन करता नजर नहीं आया.

इसी तरह का नजारा साजापुर की कृषि उपज मंडी में देखने को मिला. जहां बीज लेने के लिए पहुंचे किसान बड़ी संख्या में दिखे. किसानों का हुजूम रहा और कोरोना के नियमों का पालन नहीं हुआ. इसी तरह के वाक्ये अन्य क्षेत्रों से भी सामने आ रहे हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रशासनिक अमले को जहां नियमों का पालन कराने की हिदायत दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर आमजन से भी अपील कर रहे हैं कि वे कोरोना रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क लगाएं.

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पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कोरोना के नियमों का पालन कराने के मामले में दो तरह के नियम होने का आरोप लगाते हुए कहा, मध्यप्रदेश में दो तरह के कानून एक सत्ता पक्ष के लोगों के लिये और दूसरा आमजन व विपक्ष के लिये ? भाजपा सरकार में भाजपा के लोग प्रदेश भर में खुलेआम मोदी सरकार के 7 वर्ष पूरे होने का जश्न-उत्सव मनाते हैं, भीड़ भरे कार्यक्रम आयोजित करते हैं, धरने देते हैं, पुतले दहन करते हैं, प्रदर्शन करते है.. लेकिन उन्हें हर तरह की छूट ?

वहीं विपक्ष की आवाज को भी रोज कुचलने का काम किया जा रहा है ? कमल नाथ ने आगे कहा कि अब सीधी में जनता के हक की मांगो को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल व कांग्रेसजनों पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया. शिवराज सरकार की भाजपा को जश्न- उत्सव की खुली छूट व जनहित की आवाज उठाना प्रतिबंधित , गरीब लोगों का व्यापार करना प्रतिबंधित ?

HIGHLIGHTS

  • कई जगह कोरोना के नियमों के तोड़ने की तस्वीरें भी सामने आई है
  • राज्य में कोरोना संक्रमण के चलते पहले रात का कर्फ्यू लगाया गया था
  • कमल नाथ ने कोरोना के नियमों का पालन कराने में दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है
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