मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का दूसरा डोज लगाने के लिए आज यानि कि सोमवार को विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस दिन सिर्फ दूसरा डोज ही लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश में चलाए जा रहे टीकाकरण महा-अभियान में पांच जुलाई को कोविशील्ड (Covidshield) के दूसरे डोज के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस दिन सिर्फ वैक्सीन (Vaccine) की दूसरी खुराक लगाई जाएगी. कोरोना संक्रमण के विरुद्ध प्रदेश में कोरोना सुरक्षा-चक्र को मजबूती प्रदान करने के लिए कोविशील्ड के दोनों डोज लेना अनिवार्य है.
मुख्यमंत्री चौहान ने नागरिकों से अपील की है कि कोरोना से बचाव के लिए पहले डोज के बाद दूसरा डोज लगवाना भी जरूरी है, क्योंकि कोरोना से जंग अभी समाप्त नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि आमजन ने वैक्सीनेशन के प्रति जैसी जागरूकता का परिचय दिया है, महा-अभियान की सफलता उसका परिचायक है. सीएम शिवराज ने आह्वान किया कि जिन लोगों ने वैक्सीन का पहला डोज लगवा लिया है, वे दूसरे डोज के लिए भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वैक्सीनेशन सेंटर पर अवश्य पहुंचें.
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ग्रामीण इलाकों का वैक्सीनेशन को लेकर बदल रहा नजरिया
कोरोना महामारी को रोकने का हथियार वैक्सीनेशन है, यह बात अब लोगों के मन मस्तिष्क में घर करने लगी है, टीकाकरण को लेकर जागरुकता सिर्फ शहहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ रही है. इसके प्रमाण भी सामने आने लगे है. कई ग्राम पंचायतों का तो शत-प्रतिशत टीकाकरण ही हो चुका है.
राज्य में टीकाकरण का अभियान जोर-शोर से चल रहा है. अब तक दो करोड़ से ज्यादा लोगों को टीके लग चुके है. टीकाकरण का अभियान जारी है. ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण की शुरुआत में कई तरह की समस्याओं का प्रशासन और टीकाकरण के काम में लगे लोगों को करना पड़ा. कई स्थानों पर तो टीकाकरण दल के साथ दुर्व्यवहार तक होने की स्थितियां सामने आई.
ग्रामीणों के बीच व्याप्त भ्रम को खत्म करना लोगों के सामने चुनौती था क्योंकि उन्हें लगता था कि टीकाकरण से जान तक जा सकती है, नपुंसक हो सकते है. इन स्थितियों से निपटने के लिए जिले स्तर पर अलग-अलग तरह से रणनीति बनाकर उस पर अमल किया गया. बैतूल में तो आदिवासियों के पुजारियों को आगे कर लोगों को यह बताया गया कि टीकाकरण ही कोरोना से बचाव का एक मात्र हथियार है और जो भ्रांतियां है वह गलत है. इस कोशिश का असर हुआ और आदिवासियों ने टीके लगवाए.
टीकाकरण का अभियान बढ़ने के साथ ग्रामीण इलाकों के लोगों में जागृति लाने के लिए की गई कोशिशों के नतीजे सामने आने लगे. जबलपुर जिले में तो ग्रामीण इलाकों से टीकाकरण के आंकड़े जो सामने आए है वह प्रशासन और सरकार को राहत देने वाले है. यहां की 33 ग्राम पंचायतों में शत-प्रतिशत टीकाकरण हेा चुका है. इस जिले के ग्रामीण इलाकों में तो लक्ष्य से भी अधिक टीकाकरण हेा चुका है.