मध्यप्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के छह मामलों में शामिल एक बिचौलिए दिलीप साहू को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई को इस आरोपी की अरसे से तलाश थी।
सीबीआई की ओर से मंगलवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, व्यापमं से जुड़े छह मामलों में दिलीप की तलाश थी। उसने वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2013, खाद्य मापक भर्ती परीक्षा-2012, पीएमटी-2012, पीएमटी-2013, पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 और एमपी डेयरी फेडरेशन को-ऑपरेटिव भर्ती परीक्षा-2013 में हुई परीक्षाओं में बिचौलिए की भूमिका निभाई थी।
दिलीप के खिलाफ दर्ज मामलों में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। दिलीप ने व्यापमं के कई अधिकारियों के साथ मिलकर उत्तर पुस्तिका, ओएमआर शीट व नतीजों को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाई थी। सीबीआई ने उसे मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया।
व्यापमं की पीएमटी परीक्षा में घोटाले का खुलासा वर्ष 2013 में हुआ था। इस घोटाले की गूंज समूचे देश और विदेश तक पहुंची। उसका मास्टर माइंड डॉ. जगदीश सागर को माना गया।
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इंदौर पुलिस उसके जरिए कई रसूखदार लोगों तक पहुंची। इस घोटाले की जांच पहले एसटीएफ व एसआईटी ने की, 2400 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज हुए, 2100 लोग जेल गए और अब दो साल से जांच सीबीआई के पास है।
दुर्भाग्यपूर्ण यह कि अब तक इस मामले से जुड़े 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह हालत तब है, जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार पर 'जीरो टॉलरेंस' की बात करते हैं।
Source : IANS