हाईकोर्ट की अनोखी सजा: 200 पौधे लगाओ, 160 से कम बचे तो एक महीने की होगी जेल

चीफ इंजीनियर को 200 पौधे लगाकर उनकी देखभाल करनी होगी. यही नहीं, अगर 200 पौधों में से 160 से कम पौधे ही जीवित रहते हैं तो उन्हें एक माह जेल की सजा काटनी पड़ेगी.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
हाईकोर्ट की अनोखी सजा: 200 पौधे लगाओ, 160 से कम बचे तो एक महीने की होगी जेल

फाइल फोटो

Advertisment

मध्यप्रदेश के जबलपुर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जेके माहेश्वरी व अंजुली पालो की युगल पीठ ने अवमानना के दोषी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के ग्वालियर परिक्षेत्र के चीफ इंजीनियर को अनोखी सजा सुनाई है. चीफ इंजीनियर को 200 पौधे लगाकर उनकी देखभाल करनी होगी. यही नहीं, अगर 200 पौधों में से 160 से कम पौधे ही जीवित रहते हैं तो उन्हें एक माह जेल की सजा काटनी पड़ेगी. मामला अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित है.

यह भी पढ़ें- 1400 साल पुरानी कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति मिली, बीजेपी नेता ने कही ये बात

टीकमगढ़ जिले के निवासी याचिकाकर्ता आशीष अवस्थी के वकील शैलेश मिश्रा की तरफ से दायर अवमानना याचिका में बताया गया कि उसके पिता ओम प्रकाश अवस्थी पीएचई में पदस्थ थे. सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु 2014 में हो गई थी. पीएचई विभाग ने वर्ष 2016 में आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद उसकी ओर से अनुकंपा नियुक्ति के लिए साल 2017 में आवेदन किया गया. वकील ने बताया कि उनका आवेदन खारिज कर दिया गया. उसके पिता की मौत 2014 में हो चुकी थी और अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के आदेश 2016 में जारी हुए.

विभागीय रवैये के खिलाफ आशीष ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. एकलपीठ द्वारा याचिका खारिज किए जाने पर उसने अपील दायर की. पीठ ने अपील पर सुनवाई करते हुए विभागीय अधिकारी को निर्देशित किया था कि आवेदन तिथि के आधार पर नियुक्ति का लाभ दें. इसके बाद भी संबंधित आधिकारियों ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया था. इस पर आठ जुलाई को पीठ ने पीएचई विभाग के चीफ इंजीनियर एस. के अंधवान को दोषी ठहराया था.

यह भी पढ़ें- रूस के माउंट एलब्रुस पर लहराएगा 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का झंडा

इस मामले की मंगलवार को सुनवाई के दौरान पीएचई विभाग के चीफ इंजीनियर अंधवान ने न्यायालय में उपस्थित होकर पीठ को बताया कि अनुकंपा नियुक्ति दे दी गई है, लेकिन पीठ ने अंधवान को पूर्व में दिए गए आदेश की अवमानना का दोषी पाया. अधिवक्ता के अनुसार, पीठ ने अंधवान को 15 दिन में 200 पौधे लगाने और उनकी तीन साल तक देखभाल करने का आदेश दिया है. अगर रोपे गए पौधों में से 160 (80 फीसदी) से कम पौधे जीवित रहते हैं तो उन्हें एक माह की सजा भुगतनी होगी.

यह वीडियो देखें- 

madhya-pradesh Jabalpur High Court unique sentence
Advertisment
Advertisment
Advertisment