मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पहली ऐवरेस्टर मेघा परमार ने यूरोप (Europe) के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एल्ब्रुस (Mount Elbrus) को फतेह किया है. मेघा ने रूस के पर्वत माउंट एल्ब्रुस (18510.44 फीट) पर 8 अगस्त को स्थानीय समय अनुसार दिन में 10.14 बजे चढ़ाई पूरी की. मेघा मध्यप्रदेश की प्रथम बेटी है, जिसने माउंट एल्ब्रुस को फतह किया है. उनकी टीम में अरुण, आशा, महिपाल, सतीश और शेखर भी शामिल थे.
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सीहोर जिले के ग्राम भोजनगर की मेघा परमार ने यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एल्ब्रुस पर 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया. इसी कड़ी में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के साथ ‘ट्रस्ट मी’ समाज बेटियों पर भरोसा करे-बेटियां असंभव कार्य भी करती हैं...’ का संदेश दिया. मेघा परमार को महिला एवं बाल विकास विभाग मप्र ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया है.
माउंट एल्ब्रुस तकनीकी पर्वत निष्क्रिय ज्वालामुखी है, जो पश्चिमी काकेशस पर्वत श्रृंखला में स्थित है. जो कबरदीनो-बलकारिया और करचाय-चर्केसिया, रूस में जॉर्जियाई सीमा के पास है. 18,510 फीट (5,642 मीटर) की ऊंचाई के साथ यह काकेशस रेंज का हिस्सा है, जो एशिया और यूरोप में फैला है. यह इसे यूरोप का सबसे ऊंचा पर्वत और सात शिखर में से एक बनाता है. प्रत्येक महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत और कुलीन पर्वतारोही इन सभी को शिखर देने की आकांक्षा रखते हैं. माउंट एल्ब्रुस की प्रमुखता- पास की चोटियों से पहाड़ कितना अलग है, इसका माप- 15,554 फीट (4,741 मीटर) है.
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ग्राम भोजनगर के किसान दामोदर परमार एवं मंजु परमार की बेटी मेघा परमार ने अभी हाल ही में 22 मई 2019 को विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत मांउट एवरेस्ट को फतेह किया था. ऐसा करने वाली वह प्रदेश की पहली बेटी है. मध्य प्रदेश मंत्री मंडल द्वारा मेघा का सम्मान 3 जून 2019 को किया गया था. मेघा ने समिट के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, खेलमंत्री जीतू पटवारी एवं मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती को प्रदेश में साहसिक खेलों को प्रमोशन देने के लिए आभार प्रकट किया था.
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