पेंशनर हमेशा से ही अपनी पेंशन को लेकर परेशान रहते है. ऐसे में अब इनके पास आंदोलन के सिवा कोई मार्ग नहीं बचा है. अपनी पेंशन की राशि को बढ़ाने की मांग के लिए अब इन्हें अपने खून की कीमत चुकानी पड़ रही है. इपीएस-95 संघर्ष समिति के सभी पदाधिकारियों ने पेंशन संबधित मांगों को लेकर कर्मचारी भविष्य निधी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इपीएस-95 राष्टीय संघर्ष समिति के प्रदेश समन्वयक राम धारकर ने अपने खून के ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर पीएम नरेन्द्र मोदी से न्याय की गुहार लगाई.
इन मांगो को लेकर आंदोलन पर है पेंशनर्स
पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे इन सभी पेंशनर्स ने करीब 4 मुख्य मांगे केन्द्र और राज्य सरकार के सामने रखी हैं. पहली मांग बेसिक पेंशन को बढ़ाने की है, इसमें बेसिंक पेंशन साढ़े सात हजार रुपये करते हुए डीए को देने की भी मांग की है. दूसरी मांग करते हुए पेंशनर्स का कहना है, कि सभी पेंशनर्स धारकों को निशुल्क मेडिकल की सुविधा दी जाए ,साथ ही आयुष्मान योजना के भी पेंशनर्स को जोड़ा जाए. तीसरी मांग करते हुए पेंशनर्स चाहते है कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करे, जिसमें ये लिखा गया है कि जिसकी जितनी सैलरी उसे उतनी पेंशन दी जाए. चौथी मांग करते इनका कहना है, कि सरकार ईपीएस 95 योजना के तहत पेंशनर्स को लाभ देते हुए 5 हजार रुपये की राशि पूर्व में रिटायर्ड हो चुके पेंशनर्स को भी दे.
चुनाव के बहिष्कार का बना रहे मन
पेंशन की राशि को बढ़ाने समेत अन्य मांगे कर रहे पेंशनर्स राजनैतिक पार्टियों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. इनका कहना है कि प्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव का वे बहिष्कार भी कर सकते हैं. इतना ही नही आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव का भी वो बहिष्कार कर सकते हैं.
पेंशनर्स के लिए घर खर्च उठाना मुश्किल
मध्यप्रदेश में ऐसे कई पेंशनर्स है, जिनकी पेंशन की राशि को जानने के बाद आपको भी लगेगा कि आखिर ये इतनी कम पेंशन में कैसे घर का खर्चा उठाते होगें. कई कर्मचारियों को महज 8 सौ रुपये ही पेंशन में मिलते है. जिसके कारण पूर्व के छोटे कर्मचारी अपने घर का खर्चा नहीं चला पा रहे है. ऐसे में देखना होगा कि इस महंगाई के दौर में पेंशनर्स के लिए केंद्र और राज्य सरकार क्या कदम उठाती है.
HIGHLIGHTS
- खून के ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर पीएम नरेन्द्र मोदी से न्याय की गुहार लगाई
- पेंशनर्स ने करीब 4 मुख्य मांगे केन्द्र और राज्य सरकार के सामने रखी हैं