MP Accident News: मध्य प्रदेश के महू तहसील के चोरल गांव में गुरुवार सुबह एक निर्माणाधीन फॉर्म हाउस की छत गिरने से बड़ा हादसा हो गया. इस हादसे में पांच मजदूरों की मलबे के नीचे दबकर मौत हो गई. यह दुर्घटना तब हुई जब सभी मजदूर निर्माण स्थल पर सो रहे थे. घटना की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं, लेकिन पहले जेसीबी की अनुपलब्धता के कारण मलबा हटाने का काम तुरंत शुरू नहीं हो सका.
छत के नीचे सो रहे मजदूरों की दर्दनाक मौत
आपको बता दें कि घटना के समय सभी मजदूर निर्माणाधीन फॉर्म हाउस की छत के नीचे सोए हुए थे. अचानक छत ढह गई और पांचों मजदूर दब गए. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने पुष्टि की कि मलबे में दबे पांच मजदूरों की मौत हो गई है. ग्रामीण एसपी हितिका वासल के अनुसार सभी मृतकों के शवों को निकाल लिया गया है. मृतक मजदूरों की पहचान पवन, हरिओम, रमेश, गोपाल और राजा के रूप में हुई है, जो सभी राऊ क्षेत्र के निवासी थे.
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अवैध निर्माण का मामला - जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल
वहीं इस फॉर्म हाउस में अवैध निर्माण कार्य चल रहा था, जिसे लेकर प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि मजदूरों को ठेकेदार के माध्यम से यहां लाया गया था. निर्माण में गुणवत्ता की कमी और सुरक्षा मानकों की अनदेखी इस हादसे का कारण बनी. प्रारंभिक जांच में पता चला कि छत लोहे के एंगल पर बनाई गई थी, जो कमजोर साबित हुई और गिर गई.
रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी - स्थानीय प्रशासन का प्रयास
इसके साथ ही घटना के तुरंत बाद सिमरोल पुलिस का दल मौके पर पहुंचा, लेकिन पहले जेसीबी के देर से पहुंचने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आई. बाद में एक हाइड्रा, दो जेसीबी और एक पोकलेन की मदद से मलबा हटाने का काम शुरू किया गया. ग्रामीण एसपी हितिका वासल ने बताया कि छत के मलबे को पूरी तरह हटाने के लिए 3-4 क्रेनों की जरूरत पड़ी. एसडीएम चरणजीत सिंह हुड्डा भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी इकट्ठा हो गए थे, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया.
प्रशासनिक लापरवाही के संकेत और भविष्य की जांच
साथ ही आपको बता दें कि हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि यदि अवैध निर्माण कार्य की जानकारी प्रशासन को पहले से थी, तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई. इस दुखद घटना ने प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है. घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है.
पीड़ित परिवारों के लिए सहायता की मांग
इसके अलावा आपको बता दें कि घटना के बाद स्थानीय लोग और राजनीतिक दल पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे और न्याय की मांग कर रहे हैं. प्रशासन ने पीड़ित परिवारों के लिए तत्काल सहायता के निर्देश दिए हैं, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा मानकों और अवैध निर्माण के मुद्दे पर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है.