छतरपुर जिला मुख्यालय से करीब 24 किलोमीटर दूर छापर गांव में एक जाति विशेष के दूल्हे को घोड़े में बैठाने से नाराज चार लोगों द्वारा जातिसूचक शब्दों से उसे अपमानित करने, घोड़े से जबरदस्ती उतारने का प्रयास करने, धमकी देने एवं मारपीट करने का मामला सामने आया है. इस मामले में चारों आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. सटई पुलिस थाना प्रभारी दीपक यादव ने बुधवार को बताया, ''यह घटना 15 जून को छापर गांव में हुई. इस मामले में दूल्हे राजेश अहिरवार के पिता शोभा लाल अहिरवार की शिकायत पर सोमवार देर रात को ब्रजेंद्र यादव, राकेश यादव, कृष्ण पाल यादव और महिपाल यादव के खिलाफ भादंवि की धारा 294 (अश्लील कार्य), 323 (मारपीट), 506 (धमकी देना) एवं 34 के साथ-साथ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. ये सभी आरोपी छापर गांव के ही हैं.''
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उन्होंने कहा कि चारों आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है. वहीं, दूल्हे राजेश अहिरवार ने बताया कि बारात जाने के पहले हमारे गाँव में राक्ष घुमाने (देवी पूजन के लिए दूल्हे एवं उसके परिजनों के जाने) की परम्परा है. उसने बताया कि इसीलिए 15 जून की शाम को मेरी बारात जाने से कुछ मिनट पहले मैं देवी मंदिर में चढ़ावा चढ़ाने के लिए घोड़े पर सवार होकर अपने परिजनों के साथ गया था.
उन्होंने कहा कि जब हम छापर गांव से निकल रहे थे, तभी महिपाल यादव ने घोड़े की लगाम पकड़ ली और चारों आरोपी मुझे घोड़े से गिराने लगे. लेकिन मेरे साथ चल रहे लोगों के कहने पर वे रुक तो गये, पर हम लोगों को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के साथ—साथ अपशब्द कहने लगे. राजेश ने बताया कि इसके बाद हमें कहने लगे की दोबारा गांव में घोड़े में बैठकर मत आना.
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उन्होंने कहा कि इन आरोपियों ने हमें धमकी दी कि इस घटना की शिकायत यदि तुमने पुलिस में की तो जान से मार देंगे. राजेश ने बताया कि इन आरोपियों ने फिर घोड़े वाले को बुरी तरह से पीटा भी है.
Source : Bhasha