कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट की चर्चाएं हर रोज जोर पकड़ती जा रही है. जिसकी वजह से कांग्रेस की चिंताएं बढ़ी हुई हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार को समर्थन देने वाली बीएसपी विधायक रामबाई ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने दावा किया है कि कर्नाटक और गोवा की तरह मध्य प्रदेश सरकार पर भी खतरा मंडरा रहा है. साथ ही उन्होंने मंत्री बनाने के सवाल पर रामबाई ने कहा कि अगर इस सरकार में भी मंत्री नहीं बनाया गया तो समर्थन देने का क्या फायदा.
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हालांकि कमलनाथ के मंत्री सरकार पर किसी तरह का खतरा न होने की बात कह रहे हैं. इन मंत्रियों का कहना है कि कर्नाटक का असर मध्य प्रदेश पर नहीं पड़ने वाला है. सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रिय व्रत का कहना है कि कर्नाटक का मौसम मध्य प्रदेश में नहीं बदला है. लेकिन मध्य प्रदेश का मौसम कांग्रेस बदलेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसा ना हो जाए कि गर्मी की जगह सर्दी हो जाए.
सरकार के एक और मंत्री पीसी शर्मा ने गुरुवार को दावा कि मध्य प्रदेश बीजेपी में गुटबाजी देखने को मिल रही है. गोपाल भार्गव, शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गी और नरोत्तम मिश्रा अलग-अलग चल रहे हैं. ऐसे में कर्नाटक का असर मध्य प्रदेश में नहीं दिखेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं करेंगे तो हम कहेंगे कि सदन में फ्लोर टेस्ट कराया जाए.
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तो वहीं माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में सरकार को गिराने की कोशिश कर सकती है. क्योंकि बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने पिछले दिनों सरकार के अस्थिर होने का दावा भी चुके हैं. गुरुवार को भी नेता विपक्ष गोपाल भार्गव ने विधायकों को बीजेपी के सदस्य्ता अभियान में नहीं भेजने से मना कर दिया है.
2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. विधानसभा के 230 विधायकों में से कांग्रेस के 114, बीजेपी के 108, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. अभी कांग्रेस राज्य में बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार चला रही है.
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