केंद्रीय मंत्रिमंडल का जल्दी ही विस्तार होने वाला है , इससे मध्य प्रदेश के कई नेताओं की उम्मीदें हिलोरे मारने लगी है क्योंकि कई नए चेहरों को जगह दिए जाने की चचार्एं तेज हैं. मोदी सरकार में वर्तमान में राज्य से चार मंत्री हैं, इनमें से थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया है. अब राज्य से सिर्फ तीन मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल ही मोदी टीम का हिस्सा रह जाएंगे. मंत्रिमंडल विस्तार में राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया का मंत्री बनना तय है. साथ ही, थावरचंद गहलोत के मंत्रिमंडल से बाहर होने पर नए चेहरे के शामिल होने की संभावना ने जोर पकड़ लिया है.
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सियासी गलियारों में सतना के सांसद गणेश सिंह, जबलपुर से सांसद राकेश सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की चर्चा हैं. गहलोत के राज्यपाल बनाए जाने के बाद विजयवर्गीय के मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. साथ ही यह भी चर्चा है कि उन्हें खंडवा से लोकसभा का उप चुनाव भी लड़ा जा सकता है . इसके पीछे वजह ये है कि गहलोत और विजयवर्गीय दोनों ही मालवा निमाड़ अंचल से आते हैं.
भाजपा के सूत्रों की माने तो विंध्य क्षेत्र और निमाड़ मालवा ऐसा है जहां से केंद्र सरकार में कोई मंत्री नहीं है . इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में इन दोनों स्थानों के प्रतिनिधियों को जगह मिल सकती है. अगर ऐसा होता है तो विंध्य से सतना के सांसद गणेश सिंह का मंत्री बनाए जाने का दावा मजबूत रहेगा, गणेश सिंह पिछड़े वर्ग से भी आते हैं.
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मध्य प्रदेश को मंत्रिमंडल विस्तार में महत्व मिलना तय है क्योंकि राज्य की सत्ता में भाजपा की वापसी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा हाथ था, लिहाजा उन्हें मंत्री बनाया जाएगा. गहलोत को राज्यपाल बना दिया गया है तो उनके स्थान पर मालवा से भी कोई नेता मंत्रिमंडल में जगह पा सकता है. कुल मिलाकर यह विस्तार से राज्य को बड़ी आस है जो पूरी हो सकती है.