प्रचंड गर्मी के साथ मध्य प्रदेश में पेयजल संकट के कारण लोग ही नहीं पशु-पक्षी भी प्यास से व्याकुल हैं. देवास जिले के पुंजापुरा क्षेत्र में स्थित जंगल में 100 भी ज्यादा बंदरों की प्यास से मौत हो गई. प्यासे बन्दर भीषण गर्मी से बचने के लिए पथरीली गुफाओं और पेड़ों की जड़ों में आसरा तलाशते रहे थे, लेकिन एक-एक कर मौत की आगोश में चले गए. हद तो तब हो गई जब इन मौतों को छुपाने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों ने बिना पंचनामा बनाए, बंदरों की लाशों को जलाने की कोशिश की. जंगल में बकरी चराने गए एक चरवाहे ने जब मरे बन्दर देखे तो मामले का खुलासा हुआ.
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दरअसल, देवास जिले के पुंजापुरा रेंज के जोशी बाबा के जंगल मानसी पुरा गांव के पास में गुरुवार को कई बंदर मृत मिले. शव पेड़ के नीचे, पत्थरों की खोह व खंती में मिले हैं. डॉक्टर के अनुसार, बंदरों की मौत हिट स्ट्रोक से हुई है. घटनास्थल के आसपास के 3 किमी क्षेत्र के जंगल में वन्यप्राणियों के पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. इतना ही नहीं किसी को घटना का पता नहीं चले, इसलिए कुछ बंदरों के शवों को जला भी दिया गया.
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इतने बंदरों के शव सिर्फ 500 मीटर के दायरे में मिले हैं. कई शव एक हफ्ते से पहले के थे. बंदरों की मौत की सूचना पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो देखा जगह-जगह बंदरों के शव पड़े थे. आसपास देखा तो कई बंदरों के कंकाल भी थे व कुछ बंदर जले हुए भी दिखाई दिए. वन अमला भी मौके पर पहुंचा. शवों का पीएम करवाकर अंतिम संस्कार करवा दिया गया. जहां बंदरों की मौत हुई है, वहां दूर-दूर तक पानी की व्यवस्था नहीं है. यदि आसपास पानी की व्यवस्था होती तो शायद इतने बंदरों की मौत नहीं हुई होती. इससे वन विभाग की लापरवाही उजागर हुई है. पुंजापुरा रेंजर दिनेश निगम का कहना है बंदरों के शवों का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार करवा दिया गया है.
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