कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस की दस्तक ने लोगों को डरा दिया है. मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है, इंदौर में अकेले अब तक लगभग साढ़े तीन सौ मरीज सामने आ चुके है, इनमें से 202 के ऑपरेशन भी हो चुके है. यहां के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में हर रोज करीब 15 मरीजों के ऑपरेशन हो रहा है. ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिए एमवाय अस्पताल में एक अलग वार्ड बनाया गया है, यहां पहले 15 बिस्तर ही था, बाद में इस बीमारी के मरीजों के लिए कुल तीन सौ बिस्तर आरक्षित किए गए है. ब्लैक फंगस के उपचार हेतु जरूरी संसाधन एवं दवाइयां जैसे एम्फोटेरेसिन बी के इंजेक्शन की आपूर्ति भी सुनिश्चित की गई.
एमवाय अस्पताल में भर्ती 344 मरीजों में से अब तक 202 मरीजों के ऑपरेशन किये जा चुके हैं. जिनमें से 84 मरीज पूर्णत स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट चुके हैं. यहां हर रोज औसतन 15 मरीजों का ऑपरेशन हो रहा है . एमवाय अस्पताल अधीक्षक डॉ. पी.एस. ठाकुर बताते हैं कि ब्लैक फंगस के अधिकांश मरीजों की केस हिस्ट्री में पहले उनका कोरोना संक्रमित होना पाया गया है.
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उन्होंने कोरोना संक्रमण से उबरे लोगों को सलाह दी है, "जो मरीज कोरोना से ठीक हो गये हैं या शुगर पेसेंट व्यक्ति कोरोना संक्रमित होते हैं तो उन्हें कम से कम छह सप्ताह सही तरीके से मास्क का उपयोग करना चाहिये. ऐसे व्यक्तियों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलना चाहिये."
उन्होंने कहा कि यदि शुरूआती लक्षण पर ही मरीज और उसके परिजन सतर्क हो जायें तथा घरेलू उपचार की अपेक्षा डॉक्टर से सम्पर्क कर लें तो ब्लैक फंगस का सफल उपचार संभव हो सकता है.