मध्य प्रदेश में अब किसी भी अपराधी के नाम के आगे जाति नहीं लिखी जाएगी. जी हां आपने बिल्कुल ठीक सुना, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश में बड़ा ऐलान किया है, उन्होंने कहा है कि अब थाने में अपराधी की जाति लिखना जरूरी नहीं है. अब सिर्फ अपराधी ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा ना कि पूरे समाज को दोषी माना जाए. सीएम ने कहा कि जो नियम अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे हैं उनमें बदलाव करना जरूरी है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जोर देते हुए कहा कि आवश्यक सामाजिक रीतियों में समय अनुकूल सुधार की आवश्यकता है. सीएम ने कहा कि समुदाय के कुछ लोगों के अपराध से संलग्न होने पर सम्पूर्ण समुदाय अपराधी नहीं माना जा सकता. बदलते वक्त के साथ सजा अपराधी को देने, न कि समाज को देने का भाव भी विकसित हुआ है. बता दें कि राजधानी भोपाल में विमुक्त दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने इसमें शिरकत की थी.
सीएम मोहन यादव ने अपने संबोधन में आगे कहा कि प्रदेश में रहने वाले विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध घुमन्तु समुदाय के लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ दिया जाएगा. प्राचीन काल से घुमंतू और अर्ध घुमंतू जातियों ने साहस और शौर्य के अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं. घुमंतू और अर्ध.घुमंतू जातियों के युवाओं और अन्य प्रतिभाओं को शिक्षा के साथ अच्छे भविष्य और करियर निर्माण के लिए राज्य सरकार पूर्ण सहयोग करेगी.
क्या है क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट
दरअसल, क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट 1971 के तहत अंग्रेजों ने खानाबदोश जनजाति को अपराधी घोषित किया था. स्वतंत्रता के बाद इस एक्ट को अगस्त 1949 में रद्द कर दिया और नए एक्ट को आदतन अपराधी अधिनियम 1952 कहा गया. इस दौरान 51 खानाबदोश जाति को अपराधी की सूची से किया था वहीं वर्ष 1996 में घुमंतू जाति अभिकरण का गठन भी किया गया था.
प्रदर्शनी का हुआ अवलोकन
आज भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विमुक्ति दिवस समारोह स्थल रवीन्द्र भवन में पहुंचे थे. यहां परिसर में उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन किया था. प्रदर्शनी में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध घुमन्तु समुदाय के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्ध घुमन्तु समुदाय के महापुरुषों, विभूतियों की जीवन गाथा को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था.