मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपनी पत्नी साधना सिंह के नाम से एक कविता साझा करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है और सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री चौहान ट्रोल हो रहे हैं क्योंकि एक युवती भूमिका बिरथरे ने यह कविता लिखने का दावा किया है. मुख्यमंत्री चौहान के ससुर और साधना सिंह के पिता घनश्याम दास मसानी का पिछले दिनों निधन हुआ था. इसके बाद 22 नवंबर को चौहान ने अपने ट्विटर पर एक कविता साझा की, जिसे उन्होंने अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह द्वारा लिखा बताया. चौहान ने लिखा था, पिता और पुत्री का रिश्ता दुनिया में सबसे अनमोल रिश्ता होता है. यह ऐसा रिश्ता है, जिसमें कोई शर्त नहीं होती, यह बिल्कुल निस्वार्थ होता है. पुत्री, पिता के सबसे करीब और पिता का अभिमान भी होती है. एक बेटी को सबसे ज्यादा प्यार और गर्व अपने पिता पर होता है.
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उन्होने आगे लिखा, मेरी धर्मपत्नी ने स्व. बाबू जी के पुण्य स्मरण और जीवटता को कुछ पंक्तियों में पिरोया है, जिसके कंधे पर बैठकर घूमा करती थी, उसे कंधा देकर आयी हूं. उसके माथे को चूमकर, जिंदगी की नसीहतें लेकर आयी हूं.
भूमिका बिरथरे ने कहा कि यह कविता उन्होंने लिखी है. साथ ही ट्वीट कर लिखा कि कविता का श्रेय उन्हें दिया जाना चाहिए. इस कविता में उन्होंने 'डैडी' का जिक्र किया था न कि बाबूजी, बाउजी का. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, मैं आपकी भांजी हूं. आपको मेरी कविता चुराकर क्या मिलेगा. ये कविता मेरे द्वारा लिखी गई है. उम्मीद है आप मेरे अधिकारों का हनन नहीं करेंगे. मामा तो अधिकारों की रक्षा के लिए होते हैं.
इसके बाद से तरह-तरह के कमेंटस आ रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि, भाजपा नाम बदलने में माहिर है. यह बात एक बार फिर उजागर हो गई, पहले कांग्रेस की योजनाओं के नाम बदलते थे, फिर शहरों के नाम बदलने लगे और अब तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दूसरों की लिखी हुई कविताओं को भी अपनी धर्मपत्नी की लिखी हुई कविता बताने लगे हैं. वाह शिवराज जी वाह.
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इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के. मिश्रा ने कहा, शिवराज जी, हालांकि यह मसला आपके पूज्य ससुर साहब के दु:खद अवसान व संवेदनाओं से जुड़ा है किंतु आपकी कोई भांजी के ट्वीट ने आपकी विश्वसनीयता, कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है! ऐसे दु:खद अवसरों पर भी ऐसा नहीं होना चाहिये?
Source : IANS