मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 31 मई तक जनता कर्फ्यू जारी रहेगा. इसके बाद ही ढील मिलना संभव है. यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन संभाग के सभी जिलों एवं तहसील स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कही. चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में हम कोरोना से जंग जीतने के निर्णायक दौर में पहुंच गये हैं. प्रदेश में पॉजीटिविटी दर लगातार कम होती जा रही है. रिकवरी रेट बढ़ रहा है. ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था है. ब्लैक फंगस का इलाज भी निशुल्क किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टर एवं क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से कहा कि आने वाला समय कोरोना से जंग करने में निर्णायक साबित होगा. इसलिये आगामी 10 से 12 दिन तक जनता कर्फ्यू का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये. 31 मई तक जनता कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी जाए.
सीएम शिवराज ने कहा कि हर जिले में एक-एक पोस्ट कोविड केयर सेन्टर बनाया जाएगा. वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस और खून के थक्के जमने के कई प्रकरण सामने आये हैं. हमें अब इस नये संकट से भी लड़ाई लड़नी है.
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टर्स एवं क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से कहा कि वे कोरोना संक्रमण में अपने माता-पिता खो चुके अनाथ बच्चों की सूची बनायें और उन्हें भिजवायें, ताकि ऐसे बच्चों को हर महीने पांच हजार रुपये की राशि दी जा सके. इन बच्चों के लिये निशुल्क राशन एवं निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था शासन द्वारा की जायेगी.
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ब्लैक फंगस के उपचार के लिए बनेगी टॉस्क फोर्स
मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस म्यूकॉरमाइकोसिस के उपचार संबंधी व्यवस्थाओं के लिये एक डेडिकेटेड टॉस्क फोर्स बनाई जाएगी. इस टॉस्क फोर्स को बनाए जाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश भी जारी कर दिए हैं. सीएम ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग में कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस म्यूकॉरमाइकोसिस की प्राथमिक अवस्था में ही पहचान कर हर मरीज का उपचार करें. इस कार्य को जन-आंदोलन का रूप दिया जाए तथा हर जिले में इसकी जाँच की व्यवस्था हो. इस कार्य में निजी चिकित्सकों का भी पूरा सहयोग लिया जाए.
ब्लैक फंगस के लिए जो टॉस्क फोर्स बनाई जाएगी उसमें स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, संबंधित विभागों के ए.सी.एस. और पी.एस., ईएनटी विशेषज्ञ, डॉ. एस.पी. दुबे, डॉ. लोकेन्द्र दवे तथा अन्य एक्सपर्ट रहेंगे. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में पांच मेडिकल कॉलेज इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर तथा रीवा में इसका निशुल्क उपचार किया जा रहा है. इसके उपचार के लिए निजी अस्पताल को भी चिन्हित किए जाएगा, जहाँ व्यवस्थाएँ संभव हों.
ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के बीच ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने भी दस्तक दी है. यह बीमारी उन कोरोना संक्रमित हुए मरीजों पर ज्यादा असर कर रही है जो शुगर के पहले से मरीज है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस का इलाज अत्यंत महंगा है. अतरू प्रदेश में इसके निशुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.