कोरोना के संक्रमण से गहराए संकट का मुकाबला करने आगे आने वालों की कमी नहीं है. मध्यप्रदेश के इंदौर में तो कोरेाना को परास्त कर चुके लेाग संकटग्रस्त लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं और प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं. ज्ञात हो कि कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा थैरेपी को कारगर माना गया है. वे लोग जो कोरोना की गिरफ्त में आए और अब स्वस्थ हो चुके हैं, उनका प्लाज्मा गंभीर रूप से बीमार लोगांे की प्राण रक्षा कर सकता है. इसी के मद्देनजर इंदौर में प्लाज्मा डोनेशन के लिए खास अभियान चलाया जा रहा है.
संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा की पहल पर इंदौर में शुरू भ हुए प्लाज्मा डोनेशन कैंप में प्रतिदिन दानदाता सामने आ रहे हैं. यहां अपना प्लाज्मा डोनेट कर दूसरों की जान बचाने के लिए नागरिक विशेष रुचि दिखा रहे हैं. पिछले तीन दिनों में 21 लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया है. बताया गया है कि इंदौर जिले में चलाए जा रहे अभियान के तहत गत 14 मई नौ लोगों ने 15 मई को छह और 16 मई को भी छह दानदाताओं ने आकर अपना प्लाज्मा डोनेट किया है.
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इंदौर में शुरू किए गए प्लाज्मा डोनेशन अभियान में ऐसे व्यक्ति जो प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं, उनसे नगर निगम की टीम एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा संपर्क किए जाने के बाद उनकी काउंसलिंग करती है. डोनेशन के लिए तैयार होने पर उनके घर में पैरामेडिकल स्टाफ भेज कर एंटीबॉडी की जांच की जाती है, इसके बाद एक बेहद सुरक्षित स्थल और वातावरण में उसे प्लाज्मा डोनेशन के लिए बुलाया जाता है. जिस स्थान पर प्लाज्मा डोनेशन होता है, वहां पर उसके लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया जाता है, ताकि डोनर स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सके.
कोविड आर्मी फॉर इंदौर
इंदौर में तो संक्रमित लोगों की मदद की खातिर ''कोविड आर्मी फॉर इंदौर'' भी बना ली गई है. इस आर्मी से जुड़े लगभग डेढ़ सौ वालंटियर कोरोना पीड़ितों की नि:शुल्क सेवा कर रहे हैं. राज्य में सबसे ज्यादा संक्रमित जिलों में इंदौर की गिनती होती है . यहां शासन-प्रशासन से लेकर आम लोग भी कोरोना संक्रमितों के लिए और पीड़ितों की मदद में जुटे हुए हैं. यही पहल एक निजी बैंक के युवा चिन्मय बक्शी ने शुरू की है . वैसे तो बे बैंक में डाटा साइंटिस्ट हैं मगर उन्होंने पीड़ितों की मदद के लिए नवाचार किया है. चिन्मय बताते हैं कि उनके मन में पीड़ितों की मदद का विचार आया उसके बाद उन्होंने वार रूम के नाम से इंटरनेट मीडिया पर कुछ ग्रुप बनाएं , जिसमें धीरे-धीरे डेढ़ सौ वॉलेंटियर जुट गए हैं. यह सभी लोग ऑक्सीजन, रेमडेसीविर इंजेक्शन और अन्य जरूरत की चीजों को उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं . जो समूह काम कर रहा है उसे नाम दिया गया है कोविड आर्मी फॉर इंदौर.