मध्य प्रदेश के धार जिले के मनावर में हुई मॉब लीचिंग की घटना पर निलंबित टीआई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपना दर्द सभी से शेयर किया है. निलंबित टीआई (थाना प्रभारी) युवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि इस घटना के कारण भले ही उन्हे निलंबित कर दिया गया है लेकिन उन्हें इस बात का संतोष है की भीड़ से 5 लोगों को बचाकर उन्होंने अस्पताल पहुंचाया और उनकी जान बचाई. गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस महानिदेशक वीके सिंह ने टीआई युवराज सिंह, एएसआई नंदलाल सलोने सहित 6 लोगों को निलंबित कर दिया है. मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी देवेंद्र पाटीदार के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन भी किया गया है.
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निलंबित टीआई का दर्द छलका
इन सब के बीच हालात आपे के बाहर हो जाने के कारण ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी और कार्यवाही के दौरान उन्हें निलंबित कर दिया गया है. निलंबित टीआई युवराज सिंह चौहान ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर उस समय के हालात बताते हुए लिखा कि कैसे हिंसक भीड़ को पुलिस टीम ने आंसू गैस का सहारा लेकर रोका और 5 घायलों को भीड़ के आतंक से बचाकर अस्पताल तक पहुंचाया.
गर्म हुई सियासत
इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो रही है. एक तरफ जहां मामले में बीजेपी ने मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और साथ ही सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार दंगे भड़काने का काम कर रही है. वहीं कांग्रेस का कहना है की भीड़ को उकसाने का काम बीजेपी के कार्यकर्ता ही कर रहे हैं. कांग्रेस ने बताया की जांच में ये बात सामने आई है की मुख्य आरोपी बीजेपी नेता रमेश जूनापानी है, जिसने भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने का काम किया. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही सरकार ने मृतक के परिवार को 2 लाख का मुआवज़ा देने और 5 घायलों के फ्री मेडिकल सेवा देने का भी ऐलान किया है.
पुलिस ने इस मामले में 5 अलग-अलग टीमें गठित की हैं, जो आरोपियों की गिरफ्तारी करने की कोशिश में लगी है. मामले की पड़ताल के दौरान खंगाले गए वीडियो फुटेज के आधार पर 14 लोगों की पहचान की गई है जिनकी तलाश में पुलिस टीम जुटी है. साथ ही एसआईटी भी गठित की गई है जो अपने स्तर पर मामले की जांच में जुटी हुई है.
Source : News State