Advertisment

MP Election 2023: कांग्रेस के गढ़ को बीजेपी ने बनाया अपना मजबूत किला, खास है इंदौर की ये सीट

MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में खास है इंदौर का रोल, जानें वो कौनसी सीट है जो थी कांग्रेस का गढ़ लेकिन अब कहलाती है बीजेपी का अभेद किला.

author-image
Dheeraj Sharma
New Update
MP Election 2023 BJP Winning Seat In Indore

MP Election 2023 BJP Winning Seat In Indore ( Photo Credit : File)

Advertisment

MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा पर इस बार किसका कब्जा होगा इसका नतीजा 3 दिसंबर को आ जाएगा. लेकिन इससे पहले राजनीतिक दलों के लिए ये जरूरी है कि अपने मजबूत किलों को साधन सकें ताकि अपनी जीत को सुनिश्चित करने में उन्हें मदद मिले. कुछ ऐसी ही चुनिंदा सीटों में से एक है इंदौर की एक विधानसभा सीट. दरअसल इस सीट को लेकर सबसे खास बात यह है कि यहां पर कांग्रेस का लगातार कब्जा रहा है. यूं कहें कि ये सीट कांग्रेस का गढ़ रहा तो ये कहना गलत नहीं होगा, लेकिन दिलचस्प बात है कि यहां पर अब भारतीय जनता पार्टी ने अपना मजबूत किला बना दिया है. आइए एक नजर डालते हैं इंदौर की इस विधानसभा सीट पर क्या है खास. 

इंदौर का ये वार्ड बन गया बीजेपी अभेद किला
इंदौर में वैसे तो ज्यादातर इलाकों में बीजेपी के समर्थक हैं. लेकिन एक सीट ऐसी है जिस पर कांग्रेस ने अपनी मजबूत पकड़ बना रखी थी, लेकिन बीजेपी कांग्रेस इस गढ़ में ऐसी सेंध मारी कि अब ये बीजेपी का अभेद किला बन चुकी है. 

हम बात कर रहे हैं इंदौर की चार नंबर सीट की. बीते सात विधासनभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ने ही लगातार जीत दर्ज की है. चार नंबर सीट से 1990 में 32 फीसदी उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई. हालांकि कामयाबी सिर्फ बीजेपी कैंडिडेट के हिस्से में ही आई. पहली सफलता बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयर्गीय को मिली थी. इसके बाद बीजेपी के उम्मीदवारों ने इस सीट को अपनी भरोसेमंद सीट बना दिया. 

'डी' के नाम से मशहूर थी ये सीट
इंदौर की चार नंबर सीट की बात करें तो ये इसे 30 साल पहले डी के नाम से जाना जाता था. लेकिन अब इसे बीजेपी ने अयोध्या के तौर पर पहचान बना दी है. यानी यहां से बीजेपी की जीत लगभग तय ही मानी जाती है. 
इस सीट पर पहले चुनाव में कांग्रेस के वीवी सरवटे ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने जनसंघ के नारायण वामन पंत वैद्य को पटखनी दी थी. 

यह भी पढ़ें - आज जमीन से लेकर अंतरिक्ष तक भारत का गौरव गान हो रहा है: PM मोदी

हर चुनाव में कांग्रेस जमाया कब्जा
इस सीट पर शुरुआती हर चुनाव में कांग्रेस ने ही कब्जा जमाया. इसमें 1957, 1962 और 1972 में हुए विधानसभा चुनाव पर भी कांग्रेस का ही कब्जा रहा. लेकिन, 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में माहौल बन गया. इंदिरा गांधी विरोधी लहर ने तकरीबन हर जगह कांग्रेस को धराशायी किया था, इसी लहर में इंदौर की इस सीट से कांग्रेस अपना हाथ धो बैठी. 

जनता पार्टी के श्री वल्लभ ने यहां से कांग्रेस प्रत्याशी को 13 हजार वोटों से बुरी तरह हराया. हालांकि इसके बाद एक बार फिर ढाई वर्ष बाद कांग्रेस ने इस सीट को दोबारा जीतने में कामयाबी हासिल की. हालांकि ये जीत ज्यादा दिन नहीं चली और 1990 में कांग्रेस के हाथ से ये सीट एक बार फिर खिसक गई. ये वो वक्त था जब कांग्रेस को पता भी नहीं था कि बीजेपी इस सीट को दोबारा जीतने का मौका कांग्रेस को नहीं देगी. 

1990 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय ने इस सीट पर अपनी जोरदार जीत दर्ज की. उन्होंने इस सीट को ऐसी जीत दिलाई कि बीजेपी के लिए अभेद किला ही बन गया. इसके बाद लक्ष्मण सिंह गौड़ और फिर लगातार उन्हीं पत्नी मालिनी गौड़ इस सीट पर अपनी जीत दर्ज करती रहीं. लक्ष्मण सिंह गौड़ ने इस सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीता. 2008 में बीजेपी ने लक्ष्मण सिंह गौड़ के आकस्मिक निधन के बाद उनकी पत्नी को इस सीट से मौका दिया और इसके बाद से ही मालिनी गौड़ यहां से लगातार जीत दर्ज कर रही हैं.

HIGHLIGHTS

  • मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इंदौर का है अहम रोल
  • इंदौर की ऐसी सीट जो थी कांग्रेस का गढ़, बीजेपी ना दिया अपना अभेद किला
  • 1990 में कैलाश विजयवर्गीय ने जीत के साथ इस सीट को बना अजय

Source : News Nation Bureau

BJP congress assembly-election-2023 bihar-vidhan-sabha-chunav यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 madhya pradesh election MP Election 2023 Indore Seat MP Vidhan Sabha Chunav 2023 एमपी चुनाव इंदौर सीट कैलाश विजयवर्गीय
Advertisment
Advertisment
Advertisment