MP Election 2023: मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान जारी है. वोटिंग के दौरान दिग्गजों ने भी अपने-अपने मतों का इस्तेमाल किया है. यही नहीं इस दौरान हर कोई अपने और अपनी पार्टी की जीत के दावे भी कर रहा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि इस बार अगर बीजेपी सत्ता में वापसी करती है तो उनका मुख्यमंत्री कौन होगा. पूरे चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने सीएम फेस को लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया. ना ही किसी चेहरे को लेकर सुगबुगाहट देखने को मिली. आमतौर भी बीजेपी अचानक नया चेहरा सामने लाकर हर किसी को चौंका देती है. हो सकता है इस बार भी कुछ ऐसा ही प्लान हो. लेकिन इस बार बीजेपी के जीतने के बाद सीएम रेस में कई दिग्गज दावेदारी कर सकते हैं. हालांकि इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान सामने आया है.
सीएम पद को लेकर क्या बोले शिवराज सिंह चौहान
बीजेपी ने चुनाव में जमकर प्रचार और प्रसार किया, लेकिन पूरे चुनाव में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कोई बात नहीं हुई. इससे ये तो तय हो गया है कि इस बार चुनाव जीतने के बाद ही बीजेपी के सीएम फेस से पर्दा उठेगा. जबकि विरोधी दल कांग्रेस शुरू से कमलनाथ को ही आगे रखकर चुनाव लड़ रही है. यानी कांग्रेस की जीत हुई तो निश्चित रूप से कमलनाथ के हाथ में सरकार चलाने की कमान होगी. लेकिन बीजेपी ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं.
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इस बारे में जब वोट डालने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, बीजेपी हमेशा से मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला शीर्ष नेतृत्व ही करता है. क्या उन्हें एक बार फिर कमान मिलेगी? इस सवाल के जवाब में भी उन्होंने कहा कि पार्टी इस पर अपना फैसला लेगी और बीजेपी में जो भी फैसला लिया जाता है वो सभी को मान्य होता है.
बीजेपी के लिए क्यों बड़ी चुनौती
दरअसल इस बार चुनाव में बीजेपी ने नया प्रयोग किया है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 7 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा है. इसमें केंद्रीय मंत्री समेत राष्ट्रीय महासचिव भी शामिल हैं. यही वजह है कि बीजेपी के लिए किसी एक को मुखिया बनाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. क्योंकि में दावेदारों के नाम काफी बड़े माने जा रहे हैं.
सीएम रेस में नरेंद्र सिंह तोमर जो केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं शामिल हैं, इसके साथ ही कैलाश विजयवर्गीय जो मध्य प्रदेश के साथ-साथ बीजेपी में भी अपना अलग पहचान रखते हैं. इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया जो पिछले चुनाव में कांग्रेस को छोड़ बीजेपी में शामिल हुए और पार्टी दोबारा सत्ता की चाबी दिलवाई. उन्हें भी इस बार एक उच्च पद की लालसा हो सकती है. या उनका हित बीजेपी के लिए टकराव का कारण बन सकता है.
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वहीं प्रहलाद पटेल से लेकर कुछ बड़े चेहरे बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं. हालांकि नरोत्तम मिश्रा जैसे नाम भी लंबे समय से पार्टी के लिए बड़े काम करते हुए एक बड़े पद को हासिल करने की कोशिश में जुटे हैं.
लिहाजा सभी को साधना और इनके बीच शिवराज सिंह चौहान को भी मनाना पार्टी के लिए एक बड़ा चैलेंज बन सकता है. हालांकि ये सब तब होगा जब बीजेपी अपने दावों और नए प्रयोग को वोटों को तब्दील कर पाती है.
HIGHLIGHTS
- मध्य प्रदेश में 230 सीटों के लिए जारी मतदान
- सीएम पद को लेकर शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान
- इस बार आसान नहीं होगा मध्य प्रदेश में सीएम का चुनाव
Source : News Nation Bureau