Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : मध्य प्रदेश में अगले महीने 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी तैयारी तेज कर दी है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के चित्रकूट पहुंचे और रघुवीर मंदिर में पूजा अर्चना की. इस दौरान उन्होंने चित्रकूट में तुलसी पीठ के जगद्गुरु रामानंदाचार्य से मुलाकात की और उनके साथ तीन पुस्तकें- 'अष्टाध्यायी भाष्य', 'रामानंदाचार्य चरितम्' और 'भगवान श्री कृष्ण की राष्ट्र लीला' का विमोचन किया.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने जनसभा संबोधित करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है, आज पूरे दिन मुझे अलग-अलग मंदिरों में प्रभु श्रीराम के दर्शन का अवसर मिला और संतों का आशीर्वाद भी मिला. विशेषकर संत रामभद्राचार्य जी का स्नेह जो मुझे मिलता है वह अभिभूत कर देता है. उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में इन हजारों वर्षों में कितनी ही भाषाएं आईं और चली गईं. नई भाषाओं ने पुरानी भाषाओं की जगह ले ली, लेकिन हमारी संस्कृति आज भी उतनी ही अक्षुण्ण और अटल है. संस्कृत समय के साथ परिष्कृत तो हुई लेकिन प्रदूषित नहीं हुई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दूसरे देश के लोग मातृभाषा जाने तो ये लोग प्रशंसा करेंगे लेकिन संस्कृत भाषा जानने को ये पिछड़ेपन की निशानी मानते हैं. इस मानसिकता के लोग पिछले एक हजार साल से हारते आ रहे हैं और आगे भी कामयाब नहीं होंगे.
स्वर्गीय अरविंद भाई मफतलाल के शताब्दी जन्म वर्ष समारोह में जानें क्या बोले पीएम मोदी
आपको बता दें कि इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वर्गीय अरविंद भाई मफतलाल के शताब्दी जन्म वर्ष समारोह में कहा कि आज जानकीकुंड चिकित्सालय के नए विंग का लोकार्पण हुआ है, इससे लाखों मरीजों को नया जीवन मिलेगा. आने वाले समय में सद्गुरु मेडिसिटी में गरीबों की सेवा के इस अनुष्ठान को नया विस्तार मिलेगा. आज इस अवसर पर अरविंद भाई मफतलाल की स्मृति में भारत सरकार ने विशेष स्टैंप भी रिलीज किया है. ये पल अपने आप में हम सबके लिए गौरव का पल है, संतोष का पल है. मैं आप सबको इसके लिए बधाई देता हूं.
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प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि अरविंद भाई का परिवार उनकी परमार्थिक पूंजी को लगातार समृद्ध कर रहा है. मैं इसके लिए उनके परिवार के सभी सदस्यों को बधाई देता हूं. उन्होंने आगे कहा कि चित्रकूट के बारे में कहा गया है- 'कामद भे गिरि राम प्रसादा। अवलोकत अपहरत विषादा' अर्थात चित्रकूट के पर्वत, कामदगिरि, भगवान राम के आशीर्वाद से सारे कष्टों और परेशानियों को हरने वाले हैं. चित्रकूट की ये महिमा यहां के संतों और ऋषियों के माध्यम से ही अक्षुण्ण बनी हुई है. पूज्य रणछोड़दास जी ऐसे ही संत थे। उनके निष्काम कर्मयोग ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है.
Source : News Nation Bureau