मध्य प्रदेश में किसानों का आंदोलन अब दूसरे इलाकों में भी तेजी से फैलने लगा है। शुक्रवार को किसानों ने भोपाल-इंदौर मार्ग पर स्थित फंदा पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान किसान और पुलिस के बीच झड़प हो गई। किसानों के आंदोलन का आज नौंवा दिन है।
वहीं आंदोलन का केंद्र कर रहे मंदसौर में स्थिति सामान्य हो रही है। हालांकि अब इसके आस-पास के इलाकों में आंदोलन तेजी से फैल रहा है। आंदोलन के नौवें दिन भी राज्य में हिंसा हुई है।
किसानों ने पथराव, वाहन में तोड़फोड़ और ट्रक में आग लगा दी, वहीं पुलिस ने लाठीचार्ज कर आंसूगैस के गोले दागे।
राज्य में किसान कर्ज माफी और फसल के उचित दाम की मांग को लेकर एक जून से आंदोलन पर हैं। मंदसौर में पुलिस द्वारा गोली चलाने से पांच किसानों की जान चली गई है। वहीं नीमच, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, रायसेन, हरदा आदि जिलों में किसानों का आंदोलन कई बार हिंसक हुआ।
आंदोलन के क्रम में शुक्रवार को भी किसान सड़कों पर हैं। भोपाल-इंदौर मार्ग पर स्थित फंदा कस्बे की सड़क पर सीहोर टोल प्लाजा पर सुबह से किसानों के जमा होने का सिलसिला शुरू हो गया है।
इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से बातचीत की पेशकश की थी। लेकिन उनकी पेशकश का आंदोलन पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है।
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किसानों ने यहां चक्काजाम कर रखा है। पुलिस ने पहले उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया तो किसान भड़क उठे और खेतों में जाकर पुलिस पर पत्थर बरसाना शुरु कर दिया, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले दागे।
भोपाल उत्तर के पुलिस अधीक्षक अरविंद सक्सेना ने संवाददाताओं को बताया कि आंदोलनकारियों को बल प्रयोग और आंसूगैस छोड़कर खदेड़ दिया गया है और स्थिति अब नियंत्रण में है।
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किसान सूत्रों का कहना है कि सीहोर के किसान नेताओं को गुरुवार की रात में ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इन्हीं किसान नेताओं ने सड़क जाम का ऐलान किया था। नेताओं की गिरफ्तारी से किसान नाराज थे और उसी के कारण आंदोलन हिंसक हो गया।
किसानों के आंदोलन के चलते भोपाल-इंदौर मार्ग पर बसों की आवाजाही बंद है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं निजी टैक्सी व वाहन संचालक यात्रियों से भोपाल से इंदौर तक जाने के लिए 300 के बजाए 1,000 रुपये तक किराया वसूल रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau