कृषि कानून के खिलाफ और किसानों के समर्थन में 28 दिसंबर को मध्य प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा घेराव करते हुए प्रदर्शन का ऐलान किया है. सभी कांग्रेस विधायक और नेता ट्रैक्टर पर सवार होकर विरोध प्रदर्शन की करेंगे. लेकिन इसे रोकने के लिए पहले ही विधानसभा क्षेत्र में भोपाल प्रशासन ने भारी वाहन के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. विधानसभा के आसपास के 5 किलोमीटर के क्षेत्र में हर तरह के भारी वाहन पर नो एंट्री रहेगी. विधानसभा सत्र के दौरान इस इलाके में धारा 144 भी लागू रहेगी.
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कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'शिवराज सरकार द्वारा विधानसभा सत्र से पहले शहर में ट्रेक्टर, ट्रॉली और बैलगाड़ी पर प्रतिबंध लगाना, किसान विरोधी मानसिकता दर्शाता है. सरकार के ऐसे तुग़लक़ी फ़रमान कांग्रेस को किसानों की आवाज बनने से कभी नहीं रोक पायेंगे. 28 दिसंबर को सभी विधायक ट्रेक्टर से ही विधानसभा जाएंगे.'
शिवराज सरकार द्वारा विधानसभा सत्र से पहले शहर में ट्रेक्टर, ट्रॉली और बैलगाड़ी पर प्रतिबंध लगाना किसान विरोधी मानसिकता दर्शाता है।
सरकार के ऐसे तुग़लक़ी फ़रमान कांग्रेस को किसानों की आवाज बनने से कभी नहीं रोक पायेंगे।
28 दिसंबर को सभी विधायक ट्रेक्टर से ही विधानसभा जायेंगे। pic.twitter.com/7EPU2DWa7p
— Jitu Patwari (@jitupatwari) December 25, 2020
बता दें कि कांग्रेस ने ऐलान किया था कि 28 दिसंबर को ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा का घेराव करेगी. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने सभी विधायकों को ट्रैक्टर पर सवार होकर किसानों के साथ विधानसभा पहुंचने को कहा है. मालूम हो कि 28 दिसंबर को एमपी विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है.
गौरतलब है कि दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन का एक महीना पूरा हो गया है. किसान ठीक एक महीने पहले सिंघु बॉर्डर पर 26 नवंबर को जुटे थे. तब नवंबर की सर्दी इतनी नहीं चुभती थी, जितनी की आज 26 दिसंबर की सर्द हवा चुभती है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर में पिछले एक महीने में टेंट और ट्रैक्टर में किसानों की पूरी गृहस्थी बस गई है. बता दें कि किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और डटे हुए है.
Source : News Nation Bureau