मध्य प्रदेश में मासूमों पर बढ़ते अपराधों के मद्देनजर राज्य सरकार हरकत में आ गई है. सरकार जहां एक तरफ पुलिस को चुस्त-दुरुस्त करने में लग गई है, वहीं दूसरी ओर उसने अमेरिका के अम्बर अलर्ट की तर्ज पर एक एप विकसित करने की योजना बनाई है.
राज्य में बीते एक सप्ताह में चार से ज्यादा मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आई हैं. सरकार ने अमेरिका में मासूमों पर होने वाले अपराध को रोकने के लिए अमल में लाए गए अम्बर अलर्ट (अमेरिकास मिसिंग ब्रॉडकास्ट इमरजेंसी रेस्पांस) की तरह राज्य में एक एप विकसित करने का मन बनाया है.
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राज्य के विधि विधाई मंत्री पी.सी. शर्मा ने अम्बर एप की तरह राज्य में भी एक एप विकसित करने पर जोर देते हुए कहा, "बच्चियों पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए सरकार गंभीर है. इसके लिए अमेरिका के अम्बर अलर्ट की तर्ज पर प्रदेश में एक एप विकसित करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. इसके लिए गूगल से भी बात होगी. इस एप के जरिए मासूमों पर होने वाले अपराध की जानकारी और संबंधित आरोपी का स्कैच आम जन तक पहुंच जाएगा, जिससे आरोपी को जल्दी पकड़ा जा सकेगा."
गौरतलब है कि अमेरिका में वर्ष 1996 में नौ साल की मासूम अम्बर का अपहरण किए जाने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. इसके बाद अमेरिकी सरकार ने बच्ची के ही नाम पर अम्बर अलर्ट सिस्टम लागू किया था. इस अलर्ट के चलते अपहरण की सूचना का संदेश तेजी से प्रसारित किया जाता है. यह सूचना रेडिया, इंटरनेट रेडिया, टेलीविजन आदि के जरिए कुछ देर में ही हर तरफ पहुंच जाती है. इससे मासूमों पर होने वाले अपराधों में कमी आई है.
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अमेरिका के इसी एप की तर्ज पर मप्र सरकार भी अब एक एप विकसित करने की तैयारी कर रही है. सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस एप से प्रदेश के सभी थानों, हाईवे पुलिस, यातायात पुलिस के साथ आमजन को जोड़ा जाएगा.
इससे जैसे ही किसी एक थाने में मासूम की गुमशुदगी की सूचना दर्ज होगी, वह सूचना सभी लोगों तक पहुंच जाएगी. इससे पुलिस सक्रिय हो जाएगी. इस एप के जरिए आरोपी का फोटो अथवा स्कैच भी जारी कर दिया जाएगा, जिससे आरोपी तक पहुंचने में आसानी होगी.
Source : IANS